18.8 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 09:10 am
18.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में कोहरे और पाला गिरने से आलू और तिलहन की फसल हो सकती है बर्बाद, जानिए कैसे बचा सकते हैं पैदावार

Advertisement

डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि झुलसा रोग दो प्रकार के होते हैं. अगेती झुलसा और पछेती झुलसा. इस समय पछेती झुलसा की चपेट में आलू-टमाटर और तिलहन की फसल है. पछेती झुलसा आलू के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना. बिहार में बीते दस दिनों से लगातार जारी कोहरा व पाला के कारण मौसमी सब्जियों के झुलसा रोग की चपेट में आने की आशंका कई गुना बढ़ गई है. शीतलहर और पाला गिरने से किसान ही नहीं कृषि वैज्ञानिक भी चिंतित हैं. इससे होने वाले नुकसान की चिंता अब किसानों को परेशान कर रही है. प्रोफेसर डॉ. एसके सिंह मुख्य वैज्ञानिक ( प्लांट पैथोलॉजी ) एवं सह निदेशक अनुसंधान डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर बिहार, ने बताया कि शीतलहर और पाला सबसे अधिक आलू -टमाटर और तिलहन के फसलों को प्रभावित करेगा. बिहार में ज्यादा ठंड पड़ने के कारण आलू, टमाटर, तिलहन समेत अन्य सब्जियों के फसल झुलसा बीमारी की चपेट में आ रहे है. इसका असर उत्पादन पर देखने को मिल सकता है.

- Advertisement -

पछेती झुलसा की चपेट में आलू और टमाटर की फसल

डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि झुलसा रोग दो प्रकार के होते हैं. अगेती झुलसा और पछेती झुलसा. इस समय पछेती झुलसा की चपेट में आलू-टमाटर और तिलहन की फसल है. पछेती झुलसा आलू के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है. इस बीमारी में पत्तियां किनारे से झुलसना शुरू होती है. जिसके कारण धीरे-धीरे पूरा पौधा झुलस जाता है. पौधों के ऊपर काले-काले चकत्ते दिखाई देते हैं, जो बाद में बढ़ जाता हैं और धीरे-धीरे पूरी बर्बाद हो जाती है.

जानें फसलों को कैसे प्रभावित करता है झुलसा रोग

डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि ज्यादा ठंड पड़ने से आलू और टमाटर के पौधों की ग्रोथ रुक जाती है. पाला और शीतलहर के कारण आलू और टमाटर की फसल पूरी तरह से चौपट हो सकती है. रात में फसलों के पेड़ व पत्तियों में जो ओस की बूंदे पड़ती हैं. तापमान गिरने से बाद में जम जाती हैं. इससे पौधों एवं पत्तियों के छिद्र (स्टोमेरा) बंद हो जाने से पौधे और पत्तियां धीरे-धीरे सूखने लगती हैं. इसी कारण आलू, टमाटर, बैंगन आदि फसलों के पत्तियों में झुलसा रोग लगने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.

Also Read: मिलिए रोहतास के पेड़ वाले बाबा से, खाली जमीन पर लगाए लाखों पौधे, लोगों में जगा रहे पर्यावरण की रक्षा की अलख
गेहूं के लिए फायदेमंद

डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि अत्यधिक ठंड के कारण आलू और टमाटर की फसल को झुलसा रोग से बचाव के लिए रीडोमील एमजेड-78 नामक दवा दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए. इससे फसल रोग मुक्त हो जाएगी. जिन खेत के फसलों में रोग दिखाई दे रहा हो, उनमें किसी भी फफूंदनाशक दवा का छिड़काव तत्काल करें. वहीं कोहरा गिरने से कई फसलों के लिए फायदेमंद भी है. वहीं गेहूं का इस मौसम में पैदावार बढ़ेगा. जितनी ठंड बढ़ेगी उतना ही गेहूं की फसल के लिए अच्छा रहेगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें