16.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 11:22 pm
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के इस जिले में धान के बाद गेहूं की फसलें भी हो रही प्रभावित, किसान परेशान, जानें कारण

Advertisement

झारखंड के गढ़वा जिला में इस बार धान के बाद गेहूं का उत्पादन भी कम होने की संभावना है. समय पर बारिश नहीं होने, नीलगाय, बंदर और हाथियों के उत्पात तथा सिंचाई की सीमित व्यवस्था की वजह से इस जिले में गेहूं की बुआई कम हुई. अब यहां के किसानों को सरसों और चना की फसलों पर ही उम्मीद है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: गढ़वा जिले में धान के बाद अब इस बार रबी की प्रमुख फसल गेहूं की पैदावार भी अपेक्षाकृत कम होने की संभावना है. समय पर बारिश नहीं होने, नीलगाय, बंदर और हाथियों के उत्पात तथा सिंचाई की सीमित व्यवस्था की वजह से जिले में गेहूं की बुआई कम लोगों ने ही की है. कृषि विभाग के अनुसार, गढ़वा में गेहूं की खेती 18,500 हेक्टेयर भूमि पर की जाती है. दो जनवरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल मात्र 11,377 हेक्टेयर में ही गेहूं की फसल लगायी गयी है. यह कुल लक्ष्य का 61.5 प्रतिशत है. यह धान के उत्पादन की तुलना में काफी कम है. गढ़वा जिले में धान का उत्पादन 55 हजार हेक्टेयर में किया जाता है. हालांकि, इस साल धान की रोपाई भी नहीं के बराबर हुई है.

- Advertisement -

मक्का का उत्पादन भी प्रभावित

इसी तरह गढ़वा जिले की प्रमुख फसल मक्का का उत्पादन भी इस बार मात्र 12.5 प्रतिशत ही हुआ है. कृषि विभाग के आंकड़ों के हिसाब से जिले के दो हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्के की फसल लगायी जाती है, लेकिन बारिश से प्रभावित मौसम की वजह से इस बार मात्र 250 हेक्टेयर में ही मक्के की फसल लगायी गयी थी. इस वजह से गढ़वा जिले के वैसे किसान जिन्होंने इन फसलों को लगाया था, वे काफी मायूस हैं.

दलहनी फसल लगानेवाले किसान खुश

जिले में धान, गेहूं और मक्के की फसल लगाने वाले से किसानों को भले ही निराशा झेलनी पड़ी हो, लेकिन दलहनी और तेलहनी फसल लगानेवाले किसानों के चेहरे पर खुशी है. इनके संतोषजनक उपज की संभावना है. जिले में दलहनी फसलों का आच्छादन 90.3 प्रतिशत क्षेत्र में तथा तेलहनी फसलों का आच्छादन 90.9 प्रतिशत क्षेत्रों में किया गया है. दलहनी फसलों का आच्छादन का लक्ष्य 26,600 हेक्टेयर तय किया गया था, इसके खिलाफ जिले के 24,008 हेक्टेयर खेतों में इसे लगाया गया है. दलहनी फसलों में मुख्य रूप से चना का आच्छादन 16000 हेक्टेयर के खिलाफ 15760 हेक्टेयर, मसूर का आच्छादन 5100 हेक्टेयर के खिलाफ 4743 हेक्टेयर एवं अन्य दलहनी फसलों का आच्छादन 2000 हेक्टेयर के खिलाफ 910 हेक्टेयर में हुआ है, जबकि तेलहन फसलों में सरसों का आच्छादन 27,500 हेक्टेयर लक्ष्य के खिलाफ 25,975 हेक्टेयर, तीसी 3500 हेक्टेयर के खिलाफ 2625 हेक्टेयर में लगाया गया है.

Also Read: झारखंड के इस गांव की महिलाओं को अब शौच के लिए सूर्यास्त का नहीं करना होगा इंतजार, जानें कारण

पानी की कमी से गेहूं का उत्पादन प्रभावित : डॉ अशोक कुमार

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि गढ़वा जिले में प्राय: बारिश कम होती है. इसलिए यहां रबी के समय सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है, जबकि गेहूं की फसल को पांच-छह सिंचाई की जरूरत होती है. इस बार बारिश काफी कम हुई है. इस वजह से पूर्व के साल की तुलना में गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ है जबकि दूसरी तरफ अक्तूबर माह में बारिश होने से समय पर सरसों और चना की बुआई के लिए किसानों को जमीन में पर्याप्त नमी मिल गयी, इसलिए इन फसलों का संतोषजनक आच्छादन हुआ है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें