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दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
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Vishnu Chalisa:बृहस्पतिवार के दिन करें विष्णु चालीसा का पाठ, दूर होंगे सारे कष्ट

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Vishnu Chalisa: गुरुवार का दिन भग वान विष्णु के साथ ही गुरु यानी बृहस्पति ग्रह का भी दिन है और इस दिन इन दोनों की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले जातक को उच्च शिक्षा, धन, सुख समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है.

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श्री विष्णु चालीसा:

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दोहा

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय.

कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय.

चौपाई

नमो विष्णु भगवान खरारी

कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥

प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी

त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत

सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥

तन पर पीतांबर अति सोहत

बैजन्ती माला मन मोहत॥

शंख चक्र कर गदा बिराजे

देखत दैत्य असुर दल भाजे॥

सत्य धर्म मद लोभ न गाजे

काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥

संतभक्त सज्जन मनरंजन

दनुज असुर दुष्टन दल गंजन॥

सुख उपजाय कष्ट सब भंजन

दोष मिटाय करत जन सज्जन॥

पाप काट भव सिंधु उतारण

कष्ट नाशकर भक्त उबारण॥

करत अनेक रूप प्रभु धारण

केवल आप भक्ति के कारण॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा

तब तुम रूप राम का धारा॥

भार उतार असुर दल मारा

रावण आदिक को संहारा॥

आप वराह रूप बनाया

हरण्याक्ष को मार गिराया॥

धर मत्स्य तन सिंधु बनाया

चौदह रतनन को निकलाया॥

अमिलख असुरन द्वंद मचाया

रूप मोहनी आप दिखाया॥

देवन को अमृत पान कराया

असुरन को छवि से बहलाया॥

कूर्म रूप धर सिंधु मझाया

मंद्राचल गिरि तुरत उठाया॥

शंकर का तुम फन्द छुड़ाया

भस्मासुर को रूप दिखाया॥

वेदन को जब असुर डुबाया

कर प्रबंध उन्हें ढूंढवाया॥

मोहित बनकर खलहि नचाया

उसही कर से भस्म कराया॥

असुर जलंधर अति बलदाई

शंकर से उन कीन्ह लडाई॥

हार पार शिव सकल बनाई

कीन सती से छल खल जाई॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी

बतलाई सब विपत कहानी॥

तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी

वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥

देखत तीन दनुज शैतानी

वृन्दा आय तुम्हें लपटानी॥

हो स्पर्श धर्म क्षति मानी

हना असुर उर शिव शैतानी॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे

हिरणाकुश आदिक खल मारे॥

गणिका और अजामिल तारे

बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥

हरहु सकल संताप हमारे

कृपा करहु हरि सिरजन हारे॥

देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे

दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥

चहत आपका सेवक दर्शन

करहु दया अपनी मधुसूदन॥

जानूं नहीं योग्य जप पूजन

होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण

विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण॥

करहुं आपका किस विधि पूजन

कुमति विलोक होत दुख भीषण॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण

कौन भांति मैं करहु समर्पण॥

सुर मुनि करत सदा सेवकाई

हर्षित रहत परम गति पाई॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई

निज जन जान लेव अपनाई॥

पाप दोष संताप नशाओ

भव-बंधन से मुक्त कराओ॥

सुख संपत्ति दे सुख उपजाओ

निज चरनन का दास बनाओ॥

निगम सदा ये विनय सुनावै

पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥

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