21.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 08:48 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर!

Advertisement

आदेश कुमार गुप्त खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ड्रिबल करते हुए. भारत ने पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में खेली गई चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ को 3-1 से अपने नाम किया. ऐसा पहली बार हुआ है. इससे पहले दोनों देशों के बीच चार हॉकी टेस्ट सिरीज़ हुई […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 8

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ड्रिबल करते हुए.

भारत ने पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में खेली गई चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ को 3-1 से अपने नाम किया.

ऐसा पहली बार हुआ है. इससे पहले दोनों देशों के बीच चार हॉकी टेस्ट सिरीज़ हुई जिसमें एक बराबरी पर समाप्त छूटा जबकि भारत तीन में पराजित हुआ.

आखिरकार यह चमत्कार कैसे हुआ, यह जानने से पहले दोनों टीमों की वर्तमान स्थिति और ताक़त को समझना बेहद ज़रूरी है.

हॉकी की दुनिया की सबसे मज़बूत टीम ऑस्ट्रेलिया का दबदबा इस खेल में किस क़दर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान समय में वह विश्व चैंपियन हैं तो पिछले लंदन ओलंपिक में उसने तीसरा स्थान हासिल किया था.

इसके अलावा वह चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता भी है. इतना ही नही वह राष्ट्रमंडल खेलों की भी चैंपियन है, जहां फाइनल में उसने भारत को ही 4-0 से हराया था.

जीत का सेहरा

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 9

रुपिंदर पाल सिंह और कोच टेरी वॉल्श खुशी के पलों में.

दूसरी तरफ अगर भारत की बात की जाए तो उसने आखिरी बार साल 1980 में मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था.

इसके अलावा साल 2004 के बीजिंग ओलंपिक में भारतीय टीम जगह तक नही बना सकी थी. आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारत के हॉकी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ.

ऑस्ट्रेलिया अभी तक 13 बार चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुका है. साल 2008 से तो लगातार उसी के सिर जीत का सेहरा बंधता रहा है.

भारत आज तक चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक भी नही पहुंचा है. ऑस्ट्रेलिया साल 1986-2010-2014 में यानी तीन बार चैंपियन रहा है जबकि भारत केवल एक बार साल 1975 में चैंपियन रहा है.

भारत पिछले विश्व कप में नौवें स्थान पर रहा था. पहले मैच में 4-0 से हार के बाद भारतीय टीम का खेल कैसे बदला और कैसे बदली तक़दीर, इसके पांच मुख्य कारण रहे.

पहला कारण

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 10

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रदर्शन से अपने आलोचकों को चुप करा दिया.

टीम के कोचों और कप्तान की जुगलबंदी. यह टीम सरदार सिंह की कप्तानी में पिछले कई सालों से खेल रही है.

इस टीम के चीफ कोच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान खिलाड़ी टेरी वॉल्श हैं जिनकी कोचिंग में भारत ने पिछले दिनों 16 साल बाद एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता.

इसके अलावा पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में पहुंचने से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा, भले ही वह ऑस्ट्रेलिया से 4-0 से हारे.

इसके अलावा टीम के साथ एमके कौशिक के रूप में अनुभवी खिलाड़ी का सहायक कोच के रूप में जुडना भी रहा.

उल्लेखनीय है कि कौशिक की कोचिंग में ही भारत ने 16 साल पहले बैंकाक में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था.

दूसरा कारण

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 11

खिलाड़ियों की समझ में जीत की अहमियत आना है.

लगातार एक के बाद एक हार से कुंठित भारतीय खिलाड़ियों को एशियाई खेलों में कामयाबी के बाद देशवासियों से ज़बरदस्त वाहवाही के अलावा ढ़ेरों नकद इनाम और दूसरे पुरस्कार मिले.

तीसरा कारण

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 12

जीत का जश्न मनाते हुए दानिश मुज्तबा और आकाशदीप सिंह.

भारतीय खिलाड़ियों का हॉकी इंडिया लीग में विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलना भी अहम है, जिससे उनकी झिझक खुली.

एक साथ एक ही ड्रेसिंग रूम में रहने, लगातार संवाद करने से और साथ खेलने से उनके खेल की जानकारी भी मिली.

इसके अलावा चार क्वार्टर में खेले जाने वाली हॉकी इंडिया लीग में खेलने के अनुभव का लाभ मिला क्योंकि वर्तमान अंतराष्ट्रीय हॉकी इसी तर्ज पर खेली जाती है.

हॉकी इंडिया लीग में खिलाड़ियों को नीलामी में ढ़ेरो पैसा भी मिला. इससे खेल के और अपने प्रति सम्मान का भाव भी पैदा हुआ.

चौथा कारण

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 13

इस टीम का लगातार खेलना है. इस टीम के कम से कम 12-13 खिलाड़ी पिछले 7-8 साल से टीम में बने हुए हैं.

इस टीम के छह खिलाड़ी 100 से अधिक मैचों का अनुभव अपने साथ रखते हैं.

बाक़ी खिलाड़ी भी 40 से 60 मैचों का अनुभव रखते हैं. ऐसे में कमी केवल एक बड़ी जीत की थी.

पांचवां कारण

Undefined
ऐसे बदली भारतीय हॉकी की तकदीर! 14

टीम के गोलकीपर पी श्रीजेश का ज़बरदस्त बचाव और फॉरवर्ड लाइन का फॉर्म में आना रहा.

श्रीजेश के दम पर ही भारत ने टाईब्रेकर में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता तो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ भी उनका दीवार बनकर खड़े रहना टीम में जोश भर गया.

गोल खाने की चिंता छोडकर कप्तान सरदार सिंह, एसवी सुनील, आकाशदीप सिंह, रमनदीप सिंह, एसके उथप्पा और रुपिंदर पाल सिंह एक के बाद एक हमले करने में कामयाब रहे.

‘आखिरकार आक्रमण ही सर्वश्रेष्ठ बचाव है’ वाली नीति कामयाब रही.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें