नयी दिल्ली : 1993 मुंबई बम धमाके का मुख्य आरोपीअंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान वह भारत आना चाहता था. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार दाऊद 2013 में भारत आना चाहता था. इस संबंध में सरकार […]
नयी दिल्ली : 1993 मुंबई बम धमाके का मुख्य आरोपीअंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान वह भारत आना चाहता था. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार दाऊद 2013 में भारत आना चाहता था. इस संबंध में सरकार को एक वकील ने जानकारी दी थी जो कि कांग्रेस के नेता भी हैं लेकिन सरकार दाऊद के मामले पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी.
दाऊद के भारत लौटने की चर्चा उच्च अधिकारियों के बीच भी हुई थी. 1993 मुंबई बम धमाके का मुख्य आरोपी दाऊद पहली बार भारत में ट्रायल पर राजी हुआ था लेकिन इसके लिए उसने अपनी शर्त रखी थी. दाऊद के इस प्रस्ताव पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ भी चर्चा की गयी थी.
वकील ने जब दाऊद का प्रस्ताव यूपीए सरकार के सामने रखा था. उस वक्त कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने इसे ‘हॉट पोटेटो’ कहते हुए इस मामले से दूर रहने की सलाह सरकार को दी थी.
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमेहन सिंह ने कहा कि मेरे पीएम रहते ऐसे मुद्दे पर कुछ चर्चा नहीं हुई है.
आपको बता दें कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे. बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में भी धमाका किया गया था. इस मामले में 30 जुलाई को पहली फांसी याकूब मेमन को दी गयी.
गौरतलब कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार कह रही है कि डॉन दाऊद पाकिस्तान में है और उसे वापस लाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है जबकि पाकिस्तान इस बात से इंकार करता आया है.