नयी दिल्ली: भाजपा शासित राज्यों में एकसमान शिक्षा एवं सांस्कृतिक नीति बनाने की कवायद के तहत इन राज्यों के मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक आज यहां शुरु हुई. यह बैठक ऐसे समय में की जा रही है जब पिछले ही दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भाजपा और केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ एक समन्वय बैठक में शिक्षा प्रणाली के भारतीयकरण पर जोर दिया था.
आरएसएस की मौजूदगी में भाजपा शासित राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक
- Advertisment -
सूत्रों ने बताया कि भाजपा शासित राज्यों के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रियों के अलावा इन दोनों क्षेत्रों में आरएसएस से जुडे शीर्ष लोगों ने भी बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी शामिल थे. यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि यह आरएसएस की उस तीन दिवसीय बैठक के तुरंत बाद हो रही है जिसमें इससे जुडे संगठनों, भाजपा एवं केंद्र सरकार के मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था. आरएसएस की बैठक में ऐसे समय में शिक्षा के भारतीयकरण पर जोर दिया गया है, जब भाजपा केंद्र के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में सत्ता में है.
भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने पहले कहा था कि इस कवायद का मकसद शिक्षा एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ चलनों के बारे में एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान था और यह सुशासन के पार्टी के एजेंडे के तहत किया गया. विनय भाजपा के सुशासन विभाग के प्रभारी भी हैं.
आलोचक अक्सर आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र एवं कई राज्यों की भाजपा शासित सरकारें शिक्षा व्यवस्था का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही हैं. वे हरियाणा सरकार की ओर से स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने और संघ की विचारधारा से सहमति रखने वाले लोगों की अहम शैक्षणिक पदों पर तैनाती का उदाहरण भी देते हैं.
नयी दिल्ली: भाजपा शासित राज्यों में एकसमान शिक्षा एवं सांस्कृतिक नीति बनाने की कवायद के तहत इन राज्यों के मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक आज यहां शुरु हुई. यह बैठक ऐसे समय में की जा रही है जब पिछले ही दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भाजपा और केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ एक समन्वय बैठक में शिक्षा प्रणाली के भारतीयकरण पर जोर दिया था.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा शासित राज्यों के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रियों के अलावा इन दोनों क्षेत्रों में आरएसएस से जुडे शीर्ष लोगों ने भी बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी शामिल थे. यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि यह आरएसएस की उस तीन दिवसीय बैठक के तुरंत बाद हो रही है जिसमें इससे जुडे संगठनों, भाजपा एवं केंद्र सरकार के मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था. आरएसएस की बैठक में ऐसे समय में शिक्षा के भारतीयकरण पर जोर दिया गया है, जब भाजपा केंद्र के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में सत्ता में है.
भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने पहले कहा था कि इस कवायद का मकसद शिक्षा एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ चलनों के बारे में एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान था और यह सुशासन के पार्टी के एजेंडे के तहत किया गया. विनय भाजपा के सुशासन विभाग के प्रभारी भी हैं.
आलोचक अक्सर आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र एवं कई राज्यों की भाजपा शासित सरकारें शिक्षा व्यवस्था का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही हैं. वे हरियाणा सरकार की ओर से स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने और संघ की विचारधारा से सहमति रखने वाले लोगों की अहम शैक्षणिक पदों पर तैनाती का उदाहरण भी देते हैं.
You May Like
- Advertisment -
अन्य खबरें
- Advertisment -