19.1 C
Ranchi
Saturday, February 15, 2025 | 08:42 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नहीं रहे रवींद्र कालिया

Advertisement

नयी दिल्ली : हिंदी जगत के जाने-माने उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक रवींद्र कालिया का आज निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई यादगार कहानियां लिखीं. उन्हें सोमवार दोपहर अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया और उनकी हालत अत्यंत गंभीर […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : हिंदी जगत के जाने-माने उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक रवींद्र कालिया का आज निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई यादगार कहानियां लिखीं. उन्हें सोमवार दोपहर अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया और उनकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है.

उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया है. वे लीवर सिरोसिस के मरीज हैं. कालिया की पत्नी ममता कालिया जो हिंदी की मशहूर लेखिका हैं और उनके परिजन उनके साथ हैं. श्री कालिया साठोत्तरी पीढी के महत्वपूर्ण लेखक थे. जन्म 11 नवंबर 1938 में पंजाब के जालंधर में हुआ था. साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया था.

जिनमें उप्र हिंदी संस्थान का प्रेमचंद स्मृति सम्मान, मप्र. साहित्य अकादेमी द्वारा पदुमलाल बक्शी सम्मान, उप्र हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान, उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा लोहिया सम्मान, पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि साहित्य सम्मान शामिल है.

रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं, जिन्हें पाठकों की नब्ज का अच्छी तरह से पता था. उन्होंने ‘नया ज्ञानोदय’ के संपादन का दायित्व संभालते ही उसे हिंदी साहित्य की अनिवार्य पत्रिका बना दिया.धर्मयुग में रवींद्र कालिया के योगदान से सारा साहित्य-जगत परिचित है. रवींद्र कालिया ने वागर्थ, गंगा जमुना, वर्ष का प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र अंक, मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन किया.
मुख्य कृतियां
कहानी संग्रह : नौ साल छोटी पत्नी, काला रजिस्टर, गरीबी हटाओ, बाँके लाल, गली कूचे, चकैया नीम, सत्ताइस साल की उमर तक, जरा सी रोशनी, रवींद्र कालिया की कहानियाँ
उपन्यास : खुदा सही सलामत है, ए बी सी डी, 17 रानडे रोड
संस्मरण : स्मृतियों की जन्मपत्री, कामरेड मोनालिज़ा, सृजन के सहयात्री, ग़ालिब छुटी शराब, रवींद्र कालिया के संस्मरण
व्यंग्य : राग मिलावट मालकौंस, नींद क्यों रात भर नहीं आती
संपादन : वागर्थ, नया ज्ञानोदय, गंगा जमुना, वर्ष (प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र), मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें