नयी दिल्ली: लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश के जरिए चीन निर्मित उत्पादों का भारत में आयात किए जाने की बात पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि इस मामले का संज्ञान लिया गया है और इसके लिए उचित कार्यवाही की जा रही है.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई दलों के सदस्यों ने सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए कहा कि चीनी उत्पादों को अब बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के जरिए आयात किया जा रहा है जिससे घरेलू विनिर्माताओं के हित प्रभावित हो रहे हैं.
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने सदस्यों की चिंताओं से सहमति जताते हुए कहा कि सरकार ने इस मामले का संज्ञान लिया है और स्थिति से निपटने तथा घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि जहां तक साइकिल आयात का सवाल है चीन से इनके आयात में गिरावट का चलन देखा गया है.वर्ष 2011-12 में 265 करोड रुपये मूल्य की साइकिलों का आयात किया गया था जो वर्ष 2013-14 में गिरकर 68 करोड रुपये पर आ गया. इस प्रकार इसमें पिछले तीन सालों में 74 फीसदी की कमी आयी है.
सीतारमन ने बताया कि भारत ने वर्ष 2001 में स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण से जुडे मामलों को छोडकर आयात पर से सभी मात्रात्मक प्रतिबंधों को हटा लिया था. लेकिन भारतीय उपभोक्ताओं और उत्पादकों के हितों के संरक्षण के लिए पर्याप्त प्रावधान अभी भी मौजूद हैं.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एंटी डंपिंग शुल्क आदि के जरिए भी भारतीय उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा रही है.
सीतारमन ने बताया कि सरकार ने एक दिसंबर 2008 से ही चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर रोक लगा रखी है जिनमें चाकलेट और चाकलेट उत्पाद, कैंडीज आदि भी शामिल हैं. इस रोक को समय समय पर बढाया जाता है और इस समय ऐसे उत्पादों का चीन से आयात 23 जून 2015 तक प्रतिबंधित है.