नयी दिल्ली: आईडीबीआई बैंक ने मंगलवार को कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस को दिये गये 950 करोड रुपये के कर्ज के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) हमारे बैंक की नहीं बल्कि खस्ताहाल कंपनी के खिलाफ जांच कर रहा है.आईडीबीआई बैंक ने मंगलवार को जारी एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘सीबीआई द्वारा कुछ महीने पहले जो प्राथमिक जांच शुरु की गई थी वह आईडीबीआई बैंक के खिलाफ नहीं बल्कि उधार लेने वाली कंपनी ‘किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड’ (केएएल) के खिलाफ है.’’
बैंक ने कहा है कि सीबीआई ने जो भी जानकारी और दस्तावेज मांगे हैं बैंक उन्हें उपलब्ध करा रहा है और वह इस जांच कार्य में एजेंसी को पूरा सहयोग दे रहा है. आईडीबीआई बैंक विजय माल्या प्रवर्तित कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 16 बैंकों के समूह में से एक बैंक है. एयरलाइंस बैंकों को समय पर कर्ज का भुगतान करने में असफल रहा जिसके बाद सभी बैंकों ने कंपनी के खिलाफ वसूली की कई कारवाई शुरु कर दी.
आईडीबीआई बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एम.एस. राघवन ने सोमवार को कहा कि एयरलाइंस को पूरी जांच परख के बाद ही कर्ज दिया गया था. उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ जानकारी सीबीआई को दे दी गई है और कुछ और सूचनायें अगले कुछ दिनों में दे दी जायेगी. इस बीच कुछ बैंकों ने कर्ज के बोझ तले दबी किंगफिशर एयरलाइंस को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला कर्जदार घोषित कर उसके खिलाफ कारवाई शुरु कर दी.
जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनी घोषित कर दिये जाने के बाद डिफाल्टर कंपनी के प्रवर्तकों, निदेशकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरु की जा सकती है. इसके अलावा वह बैंकों से नया कर्ज भी नहीं ले सकते और पांच साल तक कोई नया उद्योग भी नहीं लगा सकते.
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