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दांत हैं, तो बात है

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दांत सिर्फ हमें भोजन चबाने में ही मदद नहीं करते, बल्कि हमारे व्यक्तित्व को भी प्रभावित करते हैं. साफ, स्वस्थ व सुंदर दांत चेहरे का आकर्षण होते हैं. अगर दांत साफ नहीं होंगे, तो ग्रहण किया जानेवाला भोजन भी दूषित हो जायेगा जो कई बीमारियों को निमंत्रण दे सकता है. ऐसे में डेंटल केयर बहुत […]

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दांत सिर्फ हमें भोजन चबाने में ही मदद नहीं करते, बल्कि हमारे व्यक्तित्व को भी प्रभावित करते हैं. साफ, स्वस्थ व सुंदर दांत चेहरे का आकर्षण होते हैं. अगर दांत साफ नहीं होंगे, तो ग्रहण किया जानेवाला भोजन भी दूषित हो जायेगा जो कई बीमारियों को निमंत्रण दे सकता है. ऐसे में डेंटल केयर बहुत ही जरूरी है.

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खूबसूरत दांत व मसूड़े हमारे व्यक्तित्व में चार चांद लगा देते हैं, लेकिन यदि दांतों की देखरेख में लापरवाही बरती जाये, तो मसूड़ों की कई बीमारियां होने लगती हैं. दांतों के प्रति बरती जाने वाली लापरवाहियां कई बीमारियों को आमंत्रित करती हैं. आप अपने दांतों का ख्याल कैसे रखें, इसके बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं.

नियमित ब्रश
दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है, दांतों की अच्छे से सफाई. इसके लिए नियमित ब्रश करना अनिवार्य है. सुबह उठने के बाद व रात में सोने से पहले दांतों में ब्रश करन न भूलें. दांतों में ब्रश करने से गंदगी साफ होती है और दांत चमकने लगते हैं. सांसों से बदबू भी नहीं आती इसलिए हर रोज दो बार ब्रश करना चाहिए.

पोषक आहार भी जरूरी
दांतों को मजबूत बनाने के लिए पोषक आहार बहुत जरूरी है. संतुलित आहार न केवल आपके शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्किआपके दांतों व मसूड़ों को भी स्वस्थ रखते हुए संक्र मण से भी बचाता है. दांतों को मजबूत बनाने के लिए फाइबरयुक्त भोजन करें. जब आप भोजन करते हैं या ऐसा पेय पदार्थ पीते हैं, जिसमें शुगर या स्टार्च होता है, तो वह एसिड उत्पन्न करता है. यह लगभग 20 मिनट तक आपके दांतों पर हमला करता है, इसलिए दांतों को स्वस्थ रखने के लिए ऐसा भोजन करें जिसमें विटामिन, मिनरल, कैल्शियम और फॉस्फोरस भरपूर मात्र में हो.

आम है जिंजिवाइटिस
मसूड़ों की समस्या में सबसे आम बीमारी जिंजिवाइटिस है. इसमें मसूड़े सूख कर लाल हो जाते हैं और कमजोर पड़ जाते हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि मुंह की साफ-सफाई का विशेषज्ञ ध्यान रखा जाये. जिंजिवाइटिस के कारण दांत गिर भी सकते हैं.

पायरिया
अगर ब्रश करने या खाना खाने के बाद मसूड़े से खून बहता हो, तो यह पायरिया के लक्षण हैं. इसमें मसूड़े के ऊतक सड़ कर पीले पड़ने लगते हैं. इसका मुख्य कारण दांतों की ठीक से सफाई न करना है.

कीरोस
इस बीमारी में दांतों में कीड़े लग जाते हैं. यदि यह समस्या बच्चों को हो जाये तो बच्चों के दांत गिरने लगते हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि नियमति रूप से दांतों की सफाई की जाये. ज्यादा तकलीफ हो तो डॉक्टर से मिलें.

बच्चों को शुरू से ही दांत साफ करना सिखाएं
दांतों से संबंधित किसी भी बीमारी की सबसे बड़ी वजह साफ-सफाई न करना है. एक रिसर्च के अनुसार हमारे देश में पांच साल से कम आयु के लगभग 40 प्रतिशत बच्चों के दांत सही देखभाल न होने के कारण सड़ जाते हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि बच्चों को शुरू से ही दांतों को साफ रखने की शिक्षा दी जाये. नोएडा के आरडीएस क्लिनिक की कंसल्टेंट डेंटल सर्जन और ऑर्थोडोंटिक्स डॉ प्रियंका रायजादा के अनुसार, ‘नियमति रूप से दो बार ब्रश करें, यदि डिनर में डिजर्ट लिया है, तो अच्छे से कुल्ला करें. फाइबरयुक्त आहार का सेवन करें, इससे दांत मजबूत होंगे. हर तीन महीने के बाद दांतों की चेकअप कराएं. दांतों को साफ न करने से पायरिया, केरीस जैसी बीमारियां हो सकती हैं जिसके कारण दांतों में कीड़े लग जाते हैं. यदि बच्चों को केरीस हो जाये, तो उनके दांत जल्दी टूट जाते हैं. छोटे बच्चों को दूध की बॉटल के साथ कभी न सुलाएं, साफ कॉटन को गीला करके मसूड़ों को साफ करें.

दांतों की संवेदनशीलता
दांतों के ऊपर एक सुरक्षा परत होती है. इस परत को इनामेल कहते हैं. हम जो भी आहार ग्रहण करते हैं, उसका पहला संपर्कइनामेल से होता है. इनेमल हमें ताप और दूसरी चीजों से बचाता है. खान-पान की गलत आदतों के अलावा कई अन्य कारणों से ये परत पतली हो जाती है. इसके कारण दांतों में अति संवेदनशीलता की समस्या हो जाती है. अगर यह संवेदनशीलता ज्यादा नहीं है, तो एंटी सेंसिटिविटी टूथपेस्ट से ठीक हो सकती है. अगर आपकी समस्या गंभीर है या एंटी-सेंसिटिविटी टूथपेस्ट के उपयोग के बाद भी ठीक नहीं हो रही तो चिकित्सक से संपर्ककरना चाहिए.

कब करायें चेकअप
दांतों की सफाई के साथ-साथ दांतों का नियमित अंतराल पर चेकअप कराएं. हर तीन महीने पर एक बार डेंटिस्ट के पास जा कर अपने दांतों को चेक करायें, यदि कोई समस्या है, तो तुरंत उसका इलाज कीजिए.

कितनी बार करें ब्रश
हर रोज दो बार ब्रश करना जरूरी है. सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश करना जरूरी है. इसके अलावा कुछ भी खाने-पीने के बाद साफ पानी से कुल्ला अवश्य करें. मीठा खाने के बाद अच्छे से कुल्ला अवश्य करें.

कब बदलें ब्रश
हर तीन तीन महीने में अपने ब्रश को अवश्य बदलें. ज्यादा पुराना ब्रश मसूड़े और दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए हर तीन महीने में ब्रश बदलना जरूरी है. अगर दांतों में खाना फंस जाये, तो उसे टूथपिक से न निकालें. इससे मसूड़े को नुकसान होता है. ऐसे में मुलायम ब्रश का इस्तेमाल कीजिए.प्रस्तुति : नचिकेता शर्मा

दांतों की बीमारियां
दांतों का ख्याल ठीक ढंग से न रखा जाये, तो कई प्रकार की दांतों की समस्या हो सकती है. आइए हम आपको दांतों में होनेवाली कुछ सामान्य बीमारियों की जानकारी दे रहे हैं :

मुंह से बदबू आना
दांतों से दुर्गंध एक आम समस्या है. इसके कारण लोगों को कई बार शर्मसार भी होना पड़ता है. यह पाचन प्रणाली के कमजोर पड़ जाने या दांतों व मसूड़े के किसी रोग के कारण होती है. यह किसी आंतरिक रोग का संकेत भी हो सकता है. यह ऐसा रोग है, जिससे व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसमें मुंह में लार बननी कम हो जाती है, जिसके कारण मुंह से बदबू आने लगती है.

पीलेपन की समस्या
तंबाकू, गुटखा, शराब आदि के ज्यादा सेवन करने से दांत पीले हो सकते हैं. इसके अलावा दांतों की नियामति सफाई न करना भी पीलेपन का कारण हो सकता है. कुछ लोगों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ दांतों पर प्लैक की परत चढ़ती जाती है. इससे भी दांत पीले दिखने लगते हैं. ज्यादा मात्र में चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से भी दांत पीले पड़ जाते हैं. इसके अलावा विटामिन डी की कमी भी दांतों की चमक खत्म कर देती है. खास रसायनों से दांतों की सफाई कर चमकाया जा सकता है. इसे डेंटल ब्लीचिंग कहते हैं.

मसूड़े की समस्याएं
दांतों के अलावा मसूड़े की समस्याएं भी दांतों को प्रभावित करती हैं. मसूड़े की बीमारी का सबसे प्रमुख कारण प्लाक होता है. इसके अलावा कई बीमारियां जैसे कैंसर, एड्स, डायबिटीज, महिलाओं में किशोरावस्था, गर्भावस्था, मेनोपॉज और पीरियड्स के समय होनेवाला हार्मोन परिवर्तन भी मसूड़े की समस्याओं और संक्रमण को बढ़ाता है. धूम्रपान का नकारात्मक प्रभाव भी मसूड़े पर पड़ता है. वैसे मुंह की साफ-सफाई न रखना मसूड़े की समस्याओं का सबसे प्रमुख कारण है. 35 साल के बाद मसूड़े की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

ये भी जरूरी
दांतों में तकलीफ न हो तब भी दांतों का चेकअप कराना जरूरी है. कभी-कभी बाहर से देखने पर दांत सामान्य लगते हैं, लेकिन कई बार अंदर ही अंदर उनमें कोई बीमारी पल रही होती है. शुरू में इसका पता नहीं चलता, लेकिन समय के साथ यह समस्या गंभीर होती जाती है. डेंटल चेकअप से इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है.

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