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मानहानि मामला : कोर्ट नहीं पहुंचे गडकरी, लगा 10 हजार रुपये का जुर्माना

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नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर दिल्ली की एक अदालत ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. गडकरी पर यह अर्थदंड आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गडकरी द्वारा दायर मानहानि के फौजदारी मुकदमे में अदालत के आदेश का पालन करने में असफल रहने पर लगाया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा […]

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नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर दिल्ली की एक अदालत ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. गडकरी पर यह अर्थदंड आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गडकरी द्वारा दायर मानहानि के फौजदारी मुकदमे में अदालत के आदेश का पालन करने में असफल रहने पर लगाया है.

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मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने व्यवस्था दी कि गडकरी ने आज की सुनवाई से तीन दिन पहले हलफनामा दाखिल करने के संबंध में अदालत के आदेश का पालन नहीं किया. अदालत ने कहा कि हलफनामा केजरीवाल के वकील को तीन दिन पहले अग्रिम तौर पर दिया जाना था, लेकिन यह आज दिया जा सका. मजिस्ट्रेट ने गडकरी पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 मार्च 2015 मुकर्रर की.

सुनवाई के दौरान गडकरी की तरफ से अदालत में पेश हुईं वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने अदालत को बताया कि उन्होंने केजरीवाल की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट प्रशांत भूषण को हलफनामे की प्रति 18 दिसंबर को दे दी थी. लेकिन, केजरीवाल की तरफ से पेश हुए एडवोकेट रिषीकेश ने अदालत को बताया कि उन्होंने हलफनामे की प्रति आज ही दी है.
गडकरी के वकील ने मजिस्ट्रेट को बताया कि उन्होंने हलफनामा 18 दिसंबर को अदालत के रिकार्ड में दर्ज कराया था.इसपर मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोर्ट मास्टर को इस बात की जानकारी नहीं है.
मजिस्ट्रेट ने सवाल किया, ‘‘अदालत की जानकारी के बिना यह हलफनामा कैसे दाखिल कराया गया? अगर आप हलफनामा दाखिल कर रहे थे तो वह अदालत के रिकार्ड में आना चाहिए था. अहलमद इस बात से इंकार कर रहे हैं कि हलफनामा उसके सामने दाखिल किया गया.’’ अदालत ने जैसे ही गडकरी पर अर्थदंड लगाया, उनके वकील ने कहा कि यह ‘‘अनुचित’’ है क्योंकि हलफनामा 18 दिसंबर को ही भूषण के कार्यालय द्वारा प्राप्त किया गया था.
इसपर मजिस्ट्रेट ने गडकरी की तरफ से पेश वकील को फटकार लगाते हुए कहा, ‘‘आप अदालत को अपने ढंग से नहीं चला सकते. मैं आपसे कह रही हूं कि अनुपालना नहीं हुई. अदालत में अव्यवस्था मत फैलाएं. आदेश दिया जा चुका है, आप इसे चुनौती दे सकते हैं.’’ मामले को गडकरी की जिरह के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया.सुनवाई के दौरान गडकरी के वकील ने अदालत से कहा कि वह अपने आदेश में दर्ज करें कि हलफनामा भूषण के कार्यालय द्वारा 18 दिसंबर को प्राप्त किया गया था. अदालत ने अपनी आर्डर शीट में यह दर्ज कर लिया.

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