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”वायब्रेंट गुजरात” में PM MODI थे आतंकियों के निशाने पर?

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नयी दिल्ली : भारतीय तटरक्षक दल के द्वारा गुजरात के पोरबंदर के पास अरब सागर में एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को रोकने के बाद उसमे सवार लोगों द्वारा उस नाव को जलाकर नष्ट कर दिए जाने के बाद कई सवाल पैदा हो गए हैं. गुजरात में इसी महीने अगले हफ्ते’वायब्रेंट गुजरात’ कार्यक्रम का आयोजन हो […]

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नयी दिल्ली : भारतीय तटरक्षक दल के द्वारा गुजरात के पोरबंदर के पास अरब सागर में एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को रोकने के बाद उसमे सवार लोगों द्वारा उस नाव को जलाकर नष्ट कर दिए जाने के बाद कई सवाल पैदा हो गए हैं. गुजरात में इसी महीने अगले हफ्ते’वायब्रेंट गुजरात’ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.

इसके अलावा वहां प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है. इन कार्यक्रमों की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात जाना तय माना जा रहा था. ऐसे में ये प्रश्न उठता है कि क्या संदिग्ध नाव में आतंकी सवार थे, जिनके निशाने पर गुजरात में आयोजित होनेवाले ये कार्यक्रम और प्रधानमंत्री मोदी थे !इस घटना को लेकर खुफिया विभाग को कई संदेहजनक इनपुट पहले से ही मिल चुके थे.

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक,भारतीय तटरक्षक दल ने अरब सागर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास विस्फोटकों से भरी एक नौका रोकी लेकिन उस पर सवार लोगों ने उसमें आग लगा दी जिसके बाद वह डूब गई. यह घटना मुंबई आतंकवादी हमले की छठी बरसी के एक महीने बाद हुई है.

एक गुप्तचर सूचना के आधार पर गत 31 दिसम्बर की आधी रात को तटरक्षक जहाज और विमान द्वारा मछली पकडने वाली एक संदिग्ध नौका को रोकने का प्रयास किया गया. रक्षा मंत्रालय की ओर से आज जारी एक बयान में कहा गया है कि 31 दिसम्बर को प्राप्त गुप्तचर सूचना के अनुसार कराची के केटी बंदरगाह से मछली पकड़ने वाली एक नौका अरब सागर में कुछ नियम विरुद्ध कार्य की योजना बना रही थी.

पाकिस्तान के करांची के पास केटीबंदर बंदरगाह से यह नाव भारत की ओर आ रही थी. इस नाव को ट्रैक करने के बाद 31 दिसंबर की रात 12 बजे से सुबह चार बजे तक भारतीय सुरक्षा बलों व कोस्टगार्ड ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. सूत्रों के अनुसार, सुबह 3.37 बजे के लगभग दबाव में आने के बाद इस नाव पर सवार आत्मघाती आतंकियों ने नाव में आग लगा ली. आग लगाने के कारण इसमें जोरदार धमाका हुआ. मीडिया के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कुछ तस्वीरें जारी होने की खबर है.

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सूचना के अनुसार भारतीय तटरक्षक बल के एक डोर्नियर विमान ने समुद्र- हवाई समन्वित तलाशी अभियान शुरु किया और मछली पकडे जाने वाली नौका का पता लगा लिया. इसके बाद क्षेत्र में गश्त कर रहे तटरक्षक जहाज को उस ओर भेजा गया जिसने नौका को 31 दिसम्बर की आधी रात को पोरबंदर से 365 किलोमीटर पश्चिम- दक्षिण पश्चिम दिशा में रोकने का प्रयास किया गया.

तटरक्षक बल के जहाज ने मछली पकडने वाली नौका को चालक दल एवं कार्गो की जांच के लिए रुकने की चेतावनी दी. यद्यपि नौका ने अपनी गति बढा दी और भारत की समुद्री सीमा से दूर भागने का प्रयास किया. नौका का पीछा करने का सिलसिला करीब एक घंटे तक चला और तटरक्षक दल चेतावनी देने के लिए गोलियां दागकर नौका को रोकने में सफल रहा. बयान में कहा गया है कि नौका पर चार व्यक्तियों को देखा गया जिन्होंने तटरक्षक की रुकने और जांच में सहयोग करने की सभी चेतावनियों को नजरंदाज किया.

बयान में कहा गया है कि इसके कुछ ही देर बाद नौका के चालक दल के सदस्य नीचे के डेक कंपार्टमेंट में छुप गए और नौका में आग लगा दी. इसके परिणामस्वरुप एक विस्फोट हुआ जिसके बाद नौका पर भयंकर आग लग गई.

अंधेरा, खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते नौका और उस पर सवार लोगों की बरामदगी नहीं हो सकी. नौका एक जनवरी को तडके उसी स्थिति में जलकर डूब गई.2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले में शामिल 10 आतंकवादी पाकिस्तान के कराची से एक नौका में मुम्बई पहुंचे थे. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी.बयान में कहा गया है कि तटरक्षक जहाज और विमान इस बात का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अभियान जारी रखे हुए हैं कि इसमें कहीं कोई जिंदा तो नहीं बच गया था.तटरक्षक और अन्य सुरक्षा एजेंसियां समुद्री रास्ते से खतरे के बारे में दी गयी गुप्त सूचनाओं के मद्देनजर गत कई महीनों से भारतीय समुद्री सीमा और तटवर्ती क्षेत्रों में कडी निगरानी रख रही हैं.

जानकारों का कहना है कि इतना तेज धमाका सिर्फ विस्फोटक होने से ही संभव है, अगर सिर्फ नाव के ईंधन टैंक में आग लगी होती तो इतना बड़ा धमाका संभव नहीं था. इस बोट को कोस्टगार्ड के हवाई दस्ते ने रुकने का निर्देश दिया, जिससे उसने अनसुना कर दिया. इससे सुरक्षा बलों का संदेह गहराया.

जब इसे पकड़ने की कोशिश की गयी, तो यह दूसरी ओर भागने लगा और फिर बाद में आग लगा ली. कहा जा रहा है कि इस नाव में सवार लोग भारत में किसी गंभीर आतंकी कार्रवाई को अंजाम देना चाहते थे. ये समुद्र में या तो किसी दूसरे छोटे नाव को विस्फोटक देकर इस कार्रवाई को अंजाम देना चाहते थे या फिर किसी और माध्यम से विस्फोटकों को भारत पहुंचा कर किसी प्रमुख शहर या पर्यटक स्थल को निशाना बनाने की फिराक में थे. ध्यान रहे कि पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसते हुए भारत को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी.

खुफिया तंत्र को इस नाव के आने की पहले से आशंका थी और इस संबंध में सुरक्षा बलों को सचेत किया गया था. यह खुफिया सूचना पाकिस्तान से हुई बातचीत के रिकार्ड पर आधारित थी, जिसमें नाव से भारत के पश्चिमी तट पर लाने की योजना और कई लोगों द्वारा इस नाव का यहां इंतजार करने की सूचना थी. नाव में हथियार का जखीरा था और हथियारों को यहां रखने की योजना थी. बोट के जल जाने से यह पता नहीं चल पाया कि नाव को कहां जाना था.

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