Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
Advertisement
विश्वबैंक का सुझाव, विकासशील देश मुश्किल वक्त के लिए राजकोषीय ढ़ाल तैयार रखें
Advertisement
वाशिंगटन: वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के मदृदेनजर वैश्विक बैंक ने भारत जैसे विकासशील देशों को ‘राजकोषीय ढ़ाल’ तैयार रखने का सुझाव दिया है ताकि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में संभावित नरमी की स्थिति से निपटा जा सके. विश्वबैंक की ताजा वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों को निर्यात कमजोर रहने, विश्व बाजार में ब्याज […]
ऑडियो सुनें
वाशिंगटन: वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के मदृदेनजर वैश्विक बैंक ने भारत जैसे विकासशील देशों को ‘राजकोषीय ढ़ाल’ तैयार रखने का सुझाव दिया है ताकि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में संभावित नरमी की स्थिति से निपटा जा सके.
विश्वबैंक की ताजा वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों को निर्यात कमजोर रहने, विश्व बाजार में ब्याज दरों की मजबूती और वित्तीय बाजारों की कमजोरी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है ‘बहुत से विकासशील देशों को मध्यावधि में अपनी राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की जरुरत है. यह काम किस रफ्तार से हो यह देश विशेष की स्थिति पर निर्भर करेगा.’रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 के बाद से विकासशील देशों की राजकोषीय नीति में चक्रीय आर्थिक उतार चढ़ाव का मुकाबला करने के उपाय बढ़ रहे हैं और उनमें आर्थिक चक्र के साथ चलने की प्रवृत्ति घट रही है.
इसी कारण 2008-09 की महामंदी से पहले विकासशील देशों ने अपनी राजकोषीय स्थिति को मजबूत किया था और उसका इस्तेमाल समय आने पर प्रोत्साहन के लिए किया गया था.
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कच्चे तेल के दाम अभी कुछ समय तक कम बने रहेंगे. ऐसे में तेल का आयात करने वाले देशों को सब्सिडी कम करके या खत्म करके भविष्य के लिए राजकोषीय स्थिति को मजबूत रखनी चाहिए.विश्वबैंक के मुख्य उपाध्यक्ष एवं मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा ‘नीतिगत मोर्चे पर राजकोषीय घाटे का आकार और प्रकार मायने रखता है. इसी तरह राजकोषीय खर्च के निर्णय भी महत्वपूर्ण होते हैं.’
बसु ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए बुनियादी ढांचे और सामाजिक योजनाओं पर खर्च करना बेहतर होगा क्योंकि गरीबी दूर करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसी नीतियों से भविष्य में उत्पादकता बढेगी और दीर्घकाल में राजकोषीय घाटा कम होगा.
विश्वबैंक की तरह विकास संभावना के निदेशक याहान कोसे ने कहा ‘राजकोषीय ढाल को फिर से मजबूत करने से संकट के समय सहायक गतिविधियां चलाने में आसानी होगी.अनिश्चित वृद्धि सीमित नीतिगत विकल्पों और वैश्विक वित्तीय बाजार में संभावित तंगी को देखते हुये अतिरिक्त राजकोषीय सुरक्षा का निर्माण और भी महत्वपूर्ण हो गया है.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition