नयी दिल्ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उनसे मिलने गए पाकिस्तानी रेंजर्स के प्रमुख से कहा कि भारत को पाकिस्तान की तुलना में अधिक इस्लामिक कहा जा सकता है क्योंकि यहां उस देश की तुलना में अधिक मुसलमान रहते हैं. बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि भारत पाकिस्तान समेत अपने पडोसी देशों के साथ शांति चाहता है इसलिए वह पहले गोली नहीं चलाएगा लेकिन रेंजर्स से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनकी तरफ से (उनकी जमीन से) कोई घुसपैठ न हो.
जवाब में मेजर जनरल उमर फारुक बुर्की ने सिंह से कहा कि वह महज एक बल के महानिदेशक हैं, न कि गृहमंत्री की (उनकी) तरह नेतृत्व का हिस्सा ऐसे में वह इस संबंध में कोई वादा नहीं कर सकते. वह उनका (सिंह का) संदेश पाकिस्तानी नेतृत्व तक पहुंचा देंगे. बुर्की ने कहा कि उनका देश भी सीमा पर शांति और भारत के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है, सीमा पर गोलीबारी की कुछ घटनाएं गलतफहमी या भूलवश हुई हैं.
सिंह ने कहा कि भारत की तरह पाकिस्तान भी आतंकवाद का एक पीडित है तथा दोनों देशों को आतंकवाद के खतरे के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत मुसलमानों के सभी 72 फिरकों (संप्रदायों) का घर है और ऐसा किसी अन्य देश में नहीं है.
उन्होंने कहा, भारत में पाकिस्तान से अधिक मुसलमान हैं. भारत को पाकिस्तान की तुलना में अधिक इस्लामिक कहा जा सकता है. सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक डी के पाठक के साथ वार्ता करने यहां आए बुकी ने कहा, आपका देश बहुत बड़ा और विशाल है. यह एक महान राष्ट्र है. हम भी भारत के साथ अच्छा संबंध चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्षों को भविष्य में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है.
सिंह ने कहा कि भारत अपने सभी पडोसियों के साथ दोस्ताना संबंध चाहता है और यही वजह है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली तब सभी पडोसी देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था और हाल में उन्होंने रुस के उफा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात भी की.
गृह मंत्री ने कहा, अगर कुछ कारणों से गोलीबारी होती है तो दूसरे पक्ष को रोशनी बम का इस्तेमाल कर जवाबी कार्रवाई करने के पहले इसकी पुष्टि करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न स्तरों पर पाकिस्तान के साथ संवाद करना चाहता है, इसलिए मोदी ने जुलाई में उफा में शरीफ से भेंट की थी.
उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश, एनएसए स्तर की वार्ता नहीं हो पाई लेकिन हम पाकिस्तान के साथ अच्छा संबंध स्थापित करना चाहते हैं. मैं केवल औपचारिकता भर के लिए नहीं, बल्कि तहे- दिल से यह बात कह रहा हूं. सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए कहा कि हम मित्र बदल सकते हैं लेकिन पडोसी नहीं बदल सकते और इसलिए सभी पडोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करना आवश्यक है.
सिंह ने अर्थपूर्ण वार्ता के लिए दोनों ही सीमा प्रहरी बलों को बधाई दी और कहा कि किसी भी तरफ बलों या नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. दोनों ही देश आतंकवाद से पीडित हैं और सभी देशों को इस बुराई से लड़ने के लिए सहयोग करना है. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की वर्दी का बडा महत्व है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. किसी को वर्दीधारी पर गोली नहीं चलाना चाहिए.
सिंह ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान रेंजर्स प्रतिनिधिमंडल से कहा है कि अगर दक्षिण एशियाई क्षेत्र की ताकतें एकसाथ आ जाएं तो वे शक्तिमान हो जाएंगे और किसी भी हालात से निपट सकते हैं. गृह मंत्री ने कहा कि वह खुश हैं कि दोनों सुरक्षा बलों ने अपने कमांडरों के बीच संवाद के नये प्रारुप के तौर पर पारंपरिक फ्लैग मीटिंग आयोजित करने की प्रक्रिया की तुलना में त्वरित फैक्स और ईमेल के इस्तेमाल पर सहमति जतायी.
सिंह के साथ रेंजर्स और बीसएफ प्रतिनिधिमंडल की बैठक करीब 30 मिनट तक चली. बहरहाल, बीएसएफ के महानिदेशक डी के पाठक ने गृहमंत्री के कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पहले दिन वार्ता बहुत सौहार्दपूर्ण रही.
उन्होंने कहा, कल बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुयी. हमने सारे मुद्दे उठाए. जवाब बेहद सकारात्मक रहा. बैठक एक दिन के लिए बढ़ा दी गयी जो असाधारण है. यह बैठक में सकारात्मकता का परिणाम है. उम्मीद है कि दोनों बलों के महानिदेशक कल वार्ता रिकार्ड पर हस्ताक्षर कर सकते हैं जिसके बाद पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल लौट जाएगा.