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इंटरनेट कहीं आपको बीमार न बना दे

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क्या आप अपनी बीमारी के लक्षण और इलाज के लिए इंटरनेट का सहारा लेती हैं? क्या आप बीमार होने पर डॉक्टर की कहीं बातों को गूगल पर रखी जानकारी से मिलाने की कोशिश करती हैं? अगर ऐसा है तो आप इंटरनेट को अपने लिए बीमारी बना रही हैं. इंटरनेट पर बीमारी की जानकारी खोजने वाले […]

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क्या आप अपनी बीमारी के लक्षण और इलाज के लिए इंटरनेट का सहारा लेती हैं? क्या आप बीमार होने पर डॉक्टर की कहीं बातों को गूगल पर रखी जानकारी से मिलाने की कोशिश करती हैं? अगर ऐसा है तो आप इंटरनेट को अपने लिए बीमारी बना रही हैं. इंटरनेट पर बीमारी की जानकारी खोजने वाले लोगों को तनाव इस हद तक हो सकता है कि वह हर रोग को खुद में तलाशने लगते हैं.

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हाल में हुए एक शोध में साइबरकोंड्रिया नामक नए रोग का पता चला है जिसमें व्यक्ति इंटरनेट पर बीमारियों के लक्षणों की छानबीन करके ही इतना अधिक तनाव ले लेता है यह उसके लिए एक मानसिक रोग बन जाता है.

टेक्साज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. थॉमस का कहना है कि यह स्थिति किसी मानसिक चोट या बड़ी बीमारी से कम नहीं होती. इसमें किसी छोटी सी समस्या के लक्षणों के आधार पर व्यक्त‌ि इंटरनेट पर इतना अधिक सर्च करता है कि उसके मन में डर और अवसाद बढ़ जाता है. जिसके बाद वो कई तरह की शंकाओं से घिरा रहता है.

क्या हैं लक्षण

विशेषज्ञों अनुसार, इस स्थिति में व्यक्त‌ि हमेशा आशंक‌ित रहता है और बीमारी से जुड़े तमाम लक्षणों को किसी न किसी प्रकार से खुद से जोड़ता रहता है.

– बहुत अधिक गूगल पर रोग के बारे में, दवाइयों के बारे में सर्च करना

– डॉक्टर के पास अनावश्यक जाना

– अनावश्यक शरीर के परीक्षण करवाना

– डॉक्टर्स बदलना

– अवसाद से घिरे रहना

कैसे करें उपाय

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी जानकारी ही सबसे बड़ा उपाय है. जरूरी नहीं कि इंटरनेट पर मौजूद सारी जानकारी सही ही हो इसलिए अनावश्यक अपनी समस्याओं के बारे में सर्च करने के बजाय सही समय पर डॉक्टर के पास जाएं. अगर आप किसी किताब को पढ़ेंगे तो जरूरी नहीं कि वे लक्षण आपको मिलते-जुलते लगे हीं लेकिन इंटरनेट पर आप अपनी समस्याओं से मिलती-जुलती कई समस्याएं देखते हैं.

इस शोध का व‌िवरण साइबर साइकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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