मुंबई : एक सर्वेक्षण के अनुसार टमाटर की कीमतों में उछाल के चलते लोग इसकी चटनी व कैचअप जैसे इसके बने बनाए उत्पादों की ओर रख कर रहे हैं ताकि अपने रसोई के बजट को बेहतर ढंग से व्यवस्थित कर सकें. यही कारण है कि टमाटर के ऐसे वैकल्पिक उत्पादों की मांग बढी है. उद्योग […]
मुंबई : एक सर्वेक्षण के अनुसार टमाटर की कीमतों में उछाल के चलते लोग इसकी चटनी व कैचअप जैसे इसके बने बनाए उत्पादों की ओर रख कर रहे हैं ताकि अपने रसोई के बजट को बेहतर ढंग से व्यवस्थित कर सकें. यही कारण है कि टमाटर के ऐसे वैकल्पिक उत्पादों की मांग बढी है.
उद्योग मंडल एसोचैम के सर्वेक्षण के अनुसार टमाटर, प्याज व अदरक जैसी सब्जियों के दाम में हाल ही में आए उछाल के कारण लगभग 72 प्रतिशत मध्यम वर्गीय व निम्न आय वर्गीय परिवारों के लिए अपने पारिवारिक बजट का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है. यह सर्वेक्षण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेेत्र, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद व हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में 1,000 गृहणियों की राय पर आधारित है. कीमतों में इस उछाल का सबसे अधिक असर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में देखा गया है. उसके बाद मुंबई व अहमदाबाद का नंबर है.
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि निम्न आय वर्ग वाले 72 प्रतिशत परिवारों ने टमाटर का इस्तेमाल बंद कर दिया है या अपने बजट में कटौती की है. उन्होंने कहा है कि सब्जियों के दाम बढने से तैयार उत्पाद जैसे कि टमाटर चटनी, कैचअप, अदरक व लहसुन के पेस्ट आदि में 20-25 प्रतिशत की तेजी आई है.
दिल्ली में टमाटर के दाम एक महीना पहले जहां 40रुपये पर थे वहीं इन दिनों ये 65रुपये किलो पर बोले जा रहे हैं. देश के प्रमुख शहरों में टमाटर के दाम एक महीना पहले के 30रुपये से बढकर औसतन 55रुपये किलो तक बोले जा रहे हैं. प्याज के दाम एक सप्ताह पहले जहां 36रुपये किलो थे अब वह 37.52रुपये किलो हो गये.