21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:10 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

तेल बचा कर सेहत का कबाड़ा तो नहीं कर रहीं आप?

Advertisement

रसोई की पहली सीख ही होती है कि ‘कुछ वेस्ट न हो पाए’ और इसी सीख के चक्कर में हममें से कितनी ही महिलाएं कड़ाही में बचे तेल का इस्‍तेमाल कई बार करती हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ऐसा करना सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है! आइए आपको बताते हैं कैसे… […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

रसोई की पहली सीख ही होती है कि ‘कुछ वेस्ट न हो पाए’ और इसी सीख के चक्कर में हममें से कितनी ही महिलाएं कड़ाही में बचे तेल का इस्‍तेमाल कई बार करती हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ऐसा करना सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है! आइए आपको बताते हैं कैसे…

- Advertisement -

आहार विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल करना कैंसर होने का मुख्य कारण भी हो सकता है. दरअसल, बार-बार तेल उबालने से उसमें कैंसर के कारक वाले तत्व आ जाते हैं. जिससे गॉल ब्लैडर या पेट के कैंसर का खतरा पैदा हो जाता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि खाना बनाने के लिए बार-बार एक ही तेल का इस्‍तेमाल होने से उसमें फ्री रेडिकल्‍स का निर्माण होने लगता है. जो कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है. साथ ही बार-बार तेल गर्म करने से उसकी गंध खत्म हो जाती है और उसमे एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी नहीं बचते जिसके चलते उसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व पैदा हो जाते हैं.

यही नहीं, इस्तेमाल हुए तेल को दोबारा प्रयोग करने से इसके मौजूद तत्व खाने में चिपककर स्वास्थ्य के लिए खतरा बनने लगते हैं. ऐसे खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है. साथ ही एसिडिटी, दिल की बीमारी, अल्जाइमर और पार्किसंस समेत तमाम बीमारियों की आशंका बनी रहती है.

शोध की माने तो, पहली बार जब तेल को गर्म किया जाता है तो उसमें एचएनई पदार्थ बनने शुरू हो जाते है. इसके बाद जितनी बार भी तेल गर्म किया जाता है तब उसमें एचएनई (विषाक्‍त पदार्थ) उतने ही ज्‍यादा बनते जाते हैं.

एचएनई लिनोलेइक एसिड से भरपूर तेलों में ज्‍यादा बनते हैं. आमतौर पर ग्रेपसीड ऑयल, सनफ्लावर, कॉर्न ऑयल जैसे तेलों में लिनोलेइक एसिड की मात्रा अधिक होती है. इन तेलों को कुकिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन डीप फ्राई करने के लिए नहीं करना चाहिए.

एक बार तेल को इस्तेमाल करने के बाद शायद आपने भी यह देखा होगा कि बचा हुआ तेल का रंग गहरा और तेल गाढ़ा हो जाता है. यहीं आप तेल की जाँच कर सकते हैं. अगर तेल चिपचिपा होने के साथ गहरे रंग का हो गया है और उसमें से गंध भी आ रही है तो बिना लालच किए उसे फेंक दें. ये तेल अब ज़हरीला हो चूका है और इसका इस्तेमाल जोखिम भरा हो सकता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें