21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:53 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ये खाना है हानिकारक…

Advertisement

अधिक खाना या बिलकुल न खाना दोनों ही बीमारी के लक्षण हो सकतें हैं, चौकिएं नहीं! अधिकतर युवा इस बीमारी से पीड़ित पाए जाते हैं. इस बीमारी को ईटिंग डिसऑर्डर कहते हैं. आइए जाने ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में… ईटिंग डिसऑर्डर यानी खानपान की गड़बड़ी. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अपनी सामान्य डाइट […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

अधिक खाना या बिलकुल न खाना दोनों ही बीमारी के लक्षण हो सकतें हैं, चौकिएं नहीं! अधिकतर युवा इस बीमारी से पीड़ित पाए जाते हैं. इस बीमारी को ईटिंग डिसऑर्डर कहते हैं. आइए जाने ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में…

- Advertisement -

ईटिंग डिसऑर्डर यानी खानपान की गड़बड़ी. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अपनी सामान्य डाइट की तुलना में बहुत ज्यादा या बहुत कम खाने लगता है. कैलोरी कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा व्यायाम करने या खाने से नफरत करने लगना भी इसी के अंतर्गत आता है. यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा किशोर लड़कियों और महिलाओं में ज्यादा आम है.

ईटिंग डिसऑर्डर तीन प्रकार के देखे जाते हैं

1-एनोरेक्सिया नर्वोसा

एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित लोग अपने वजन को लेकर हमेशा टेंशन में रहते हैं. उनके दिमाग में वजन घटाने का फितूर सवार रहता है, जिसके कारण वह अपने खाने की मात्रा कम-से-कम करते जाते हैं. वजन एकदम कम होना, त्वचा का पीला होना एवं सूख जाना, मासिक धर्म की अनियमितता या बंद हो जाना, पूरे बदन पर हल्के बालों का होना, सिरदर्द, नींद कम आना, तनाव, कब्ज की शिकायत आदि एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण होते हैं.

2-बुलीमिया नर्वोसा

इसकी शुरुआत अत्यधिक खाने के बाद उसे जबरदस्ती उल्टी कर के निकालने से होती है. बाद में ऐसा करना आदत बन जाती है. खुद पर काबू न रखते हुए अपनी डाइट से बहुत ज्यादा खा लेना और बाद में अधिक खा लेने का अहसास होने पर उल्टी कर खाने को बाहर निकालना बुलीमिया के लक्षण हैं. एनोरेक्सिया की तरह बुलीमिया के मरीज भी वजन बढ़ने व अपने शारीरिक बनावट के प्रति चिंतित रहते हैं. गले का बार-बार खराब होना, पानी की कमी, थकान महसूस होना, मसूढ़ों के नीचे व गले में सूजन होना, सोडियम, कैलि्शयम, पोटैशियम एवं अन्य खनिज पदार्थों का स्तर शरीर में बहुत अधिक या कम होना बुलीमिया नर्वोसा के लक्षण माने जाते हैं.

3-बिंज ईटिंग डिसऑर्डर

बिंज ईटिंग के मरीज में जल्दी मोटे होते हैं, क्योंकि इन मरीजों का व्यवहार एनोरेक्सिया और बुलीमिया के मरीजों से एकदम उलट होता है यह अपने वजन बढ़ने को लेकर परेशान नहीं होते, बल्कि जम के खाते हैं और मोटे होते जाते हैं. उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, पैरों एवं जोड़ों में दर्द, कुछ-कुछ देर में अकेले खाना आदि बिंज ईटिंग डिसऑर्डर की पहचान है. अक्सर ऐसे लोग दूसरों की थाली में से भी खाने लगते हैं, जिससे बाद में उन्हें शर्मिंदगी होती है. शायद इसलिए यह मरीज दूसरों के सामने खाना खाने से कतराते हैं. इससे ग्रस्त लोग अपने ज्यादा खाने की आदत से परेशान व तानव में रहते हैं, लेकिन यह परेशानी उनकी बिंज ईटिंग को और भी ज्यादा बढ़ा देती है.

क्या है कारण..

इसकी वजह मेंटल व सोशल होती है. तनाव, डिप्रेशन, अकेलापन, भावनात्मक घटनाएं कुछ ऐसी ही वजहें होती हैं, जो ईटिंग डिसऑर्डर का कारण बन जाती हैं. मोटापा कम करने के लिए अक्सर लोग खाना कम या बंद कर देते हैं, जिसके कारण वे ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं. इसके अलावा कई बार यह बीमारी बायलॉजिकल भी होती है. शरीर में कुछ एंजाइम होते हैं, जिनमें असंतुलन पैदा होने से मन में डिप्रेशन आ जाता है या फिर बहुत ज्यादा व्यायाम करने या ज्यादा डाइटिंग के कारण भी एनोरेक्सिया के शिकार हो जाते हैं. कई बार यह बीमारी अनुवांशिक भी होती है.

ये है इलाज…

ईटिंग डिसऑर्डर की वजह साइकोलॉजिकल होती है, इसलिए इसका इलाज भी मनोवैज्ञानिक व काउंसलिंग की मदद से किया जाना चाहिए.

एनोरेक्सिया के मरीजों को विभिन्न प्रकार की साइकोथेरेपी दी जाती है, जिसमें मरीज के दिमाग से ज्यादा वजन होने का भ्रम निकाला जाता है. बेहतर परिणाम के लिए दवाएं भी दी जाती हैं.

बुलीमिया में थेरेपी, काउंसलिंग एवं दवाओं से इलाज किया जाता है. मरीजों को पोषण संबंधी काउंसलिंग की जरूरत भी पड़ती है. डाइट चार्ट फॉलो करने की सलह दी जाती है.

बिंज ईटिंग के मरीजों को अकेलापन ही उनकी बीमारी होती हैं इसलिए ये कोशिश की जाती है कि इन्हें अकेला न छोड़ा जाए और देखरेख में ही इनका खान-पान हो.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें