22.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 01:32 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पाचन को सुधारता है उत्थित जानु शिरासन

Advertisement

जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं जकड़ी हुई हैं, उन्हें नियमित रूप से यह आसन करना चाहिए. यह गैस, कब्ज तथा अजीर्ण को दूर करने में काफी सहायक है. वहीं, मेरुदंड को भी लचीला और सबल बनाता है. धर्मेंद्र सिंह एमए योग मनोविज्ञान बिहार योग विद्यालय, मुंगेर संस्कृत शब्द ‘उत्थित’ का अर्थ ऊपर की ओर, […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं जकड़ी हुई हैं, उन्हें नियमित रूप से यह आसन करना चाहिए. यह गैस, कब्ज तथा अजीर्ण को दूर करने में काफी सहायक है. वहीं, मेरुदंड को भी लचीला और सबल बनाता है.
धर्मेंद्र सिंह
एमए योग मनोविज्ञान
बिहार योग विद्यालय, मुंगेर
संस्कृत शब्द ‘उत्थित’ का अर्थ ऊपर की ओर, ‘जानू’ का अर्थ है घुटना और ‘शीर्ष’ का अर्थ है सिर. यह आसन भी सामने की तरफ झुकनेवाला आसन है, जिसमें सामने की तरफ झुकते हुए सिर को घुटनों के मध्य में रखने का प्रयास किया जाता है. जिन लोगों का मेरुदंड ज्यादा लचीला होता है, उन्हें ही इस आसन का अभ्यास करना चाहिए. वैसे भी इस आसन को आरंभिक दौर में किसी कुशल योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में करना उचित होगा.
आसन की विधि
सर्वप्रथम जमीन पर दोनों पंजों के बीच एक मीटर की दूरी रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं. आपकी भुजाएं शरीर के बगल में निष्क्रिय रूप से लटकने दें तथा सिर को सामने की तरफ रखें. यह अभ्यास की आरंभिक स्थिति है. अब हाथों को शरीर के सामने वक्ष की ऊंचाई तक ऊपर उठाएं एवं नितंबों से आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों को पैरों के बाहरी भाग की ओर से पीछे ले जाएं. अब या तो अपनी एक कलाई को पकड़ लें या पिंडलियों के पीछे हाथों को बांधने का प्रयास करें. कोहनियां बाहर की ओर ही इंगित करेंगी.
शरीर को यथासंभव शिथिल बनाने का प्रयास करें. अब सिर को घुटनों के पास लाएं, पैरों को सीधा रखें तथा जोर न लगाएं. अब हाथ की उंगलियों को गले के पीछे ले जाने का प्रयास करें. ध्यान रहे, इस समय हाथों की उंगलियां गले के पीछे से नहीं सरकें. पैरों को सीधा रखने से मेरुदंड पर जोर पड़ेगा और उदर पर भी दबाव पड़ेगा. इस स्थिति में आप क्षमतानुसार रुकने का प्रयास करें. इसके बाद पैरों को मोड़ें और विश्राम करें. पुन: पैरों को सीधा करते हुए आरंभिक अवस्था में वापस आ जाएं. थोड़ी देर के लिए यहां विश्राम करें तथा उसके पश्चात इस अभ्यास को दुहराएं.
श्वसन : अभ्यास के दौरान श्वास का काफी महत्व है. आरंभिक अवस्था में श्वास सामान्य रहेगी, किंतु दोनों भुजाओं को वक्ष के सामने उठाते समय श्वास को अंदर लेंगे. सामने झुकने के पूर्व पूर्णत: सांस छोड़ेंगे. आगे झुकते समय तथा अभ्यास की अंतिम अवस्था में रुकते समय रोके रखेंगे. इस अवस्था में यदि ज्यादा देर रुकना चाहें, तो सांस सामान्य रूप से ले सकते हैं. शरीर के ऊपरी भाग को सीधा करते समय श्वास अंदर लेंगे तथा भुजाओं को नीचे लाते समय छोड़ेंगे.
सजगता : अभ्यास के दौरान सजगता पूर्ण रूप से शरीर की गति के साथ श्वास के ताल-मेल पर होनी चाहिए. पीठ की मांसपेशियों के शिथिलीकण एवं पैरों को सीधा रखने व पैरों में होनेवाले खिंचाव पर सजगता बनी रहनी चाहिए. अध्यात्मिक स्तर पर आपकी सजगता स्वाधिष्ठान चक्र पर होनी चाहिए.
क्रम : आसन करने के बाद हमेशा पीछे की तरफ मोड़नेवाले आसन करना उचित होगा, जैसे-सर्पासन, सेतुआसन या धनुरासन का अभ्यास कर सकते हैंं.
सीमाएं : यह अभ्यास थोड़ा कठिन है. अत: जिन लोगों को हाइ बीपी, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, हृदय या पेट की समस्या हो, वे यह अभ्यास न करें. ग्लूकोमा या गर्भावस्था में भी इस आसन को नहीं करना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें