18.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 09:56 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सूखे पर SC की फटकार कहा- गुजरात हैं तो क्या आप कुछ भी करेंगे

Advertisement

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सूखे को लेकर मोदी सरकार की खिंचाई की. कोर्ट ने केंद्र का यह दावा खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि अपने इलाकों में सूखे की हालत से निपटना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार की भूमिका इतनी है कि वह किसी भी समस्या से […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सूखे को लेकर मोदी सरकार की खिंचाई की. कोर्ट ने केंद्र का यह दावा खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि अपने इलाकों में सूखे की हालत से निपटना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार की भूमिका इतनी है कि वह किसी भी समस्या से पार पाने के लिए राज्य सरकार को पर्याप्त फंड देने तक सीमित है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उसकी भूमिका बताते हुए कहा कि सूखे की स्थिति का अनुमान लगाने से लेकर सूखे से निपटने के प्रयासों को व्यवस्थित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.

केंद्र सरकार को मंगलवार को उस समय सूखे जैसे हालात से निपटने के संदर्भ में कडे सवालों का सामना करना पडा जब सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या राज्यों को इसके लिए आगाह करना उसकी जिम्मेदारी नहीं है कि ऐसी परिस्थिति निकट भविष्य में बन सकती है. न्यायालय ने हलफनामा दायर नहीं करने को लेकर गुजरात सरकार की भी खिंचाई की और कहा कि ‘आप गुजरात हैं तो इसका यह मतलब नहीं कि जो चाहें वो कर सकते हैं. ‘ उसने कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन :सूखा प्रभावित: राज्यों को सूचित और आगाह करे कि कम बारिश होगी.’

न्यायमूर्ति एमबी लोकुड और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने कहा कि अगर आपको बताया जाए कि राज्य के किसी इलाके में 96 फीसदी फसल दिखी है, लेकिन आपके पास कम बारिश होने की सूचना है तो उनको सिर्फ यह नहीं कहिए कि सबकुछ ठीक है. यह भी सोचिए कि संभावित सूखे के बारे में बताना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब अतिरिक्त सॉलीशीटर जनरल पीए नरसिम्हा ने कहा कि 10 राज्यों के 256 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि किसी इलाके को सूखाग्रस्त घोषित करने का मतलब यह नहीं है कि इससे उस इलाके की संपूर्ण आबादी प्रभावित है क्योंकि सभी किसान नहीं होते अथवा सभी लोग कृषि से जुडे नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र को आकलन की बजाय सूखे के हालात का पता लगाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए. उसने केंद्र को निर्देश दिया कि वह इसकी जानकारी दे कि सूखा प्रभावित इलाकों में कितने घरों को मनरेगा के तहत 150 दिनों का रोजगार मिला है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें