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राज ने की उद्धव ठाकरे से मुलाकात, क्या दोनों साथ आयेंगे ?

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मुंबई : साल 2012 के बाद पहली बार शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के बीच मुलाकात हुई. राज ठाकरे ने मातोश्री में जाकर उद्धव से मुलाकात की. दोनों चचेरे भाई के बीच लगभग 90 मिनट तक बातचीत चली. इन दोनों की मुलाकात के बाद महराष्ट्र की राजनीति […]

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मुंबई : साल 2012 के बाद पहली बार शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के बीच मुलाकात हुई. राज ठाकरे ने मातोश्री में जाकर उद्धव से मुलाकात की. दोनों चचेरे भाई के बीच लगभग 90 मिनट तक बातचीत चली. इन दोनों की मुलाकात के बाद महराष्ट्र की राजनीति में कयासों का एक दौर शुरू हो गया है. विशेषज्ञ इसे आने वाले नगरपालिका चुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं.
शिवसेना और मनसे एक हुई तो दोनों की बढ़ेगी ताकत
महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की गंठबंधन की सरकार है. शिवसेना ने कई बार अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से भाजपा पर निशाना साधा. उद्धव ठाकरे ने भी सभाओं में खुलकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी की है. दोनों के बीच बढ़ती दूरी इस ओर इशारा कर रही है कि दोनों के रास्ते एक बार फिर अलग हो सकते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वक्त दोनों पार्टियों के बीच सीट को लेकर आम सहमति नहीं बनी. दोनों ने अलग – अलग चुनाव लड़ा. 288 सीटों में भाजपा के हाथ 122 सीटें लगी जबकि शिवसेना के पाले में सिर्फ 63 सीटें आयी . सरकार बनाने के लिए फिर एक बार जोड़ तोड़ की चर्चा शुरू हुई और अंतत: भाजपा और शिवसेना साथ आये. शिवसेना ने सरकार गठन के बाद मंत्री पद को लेकर असंतोष जाहिर किया.
एक दूसरे के खिलाफ होने से दोनों पार्टियों को हो रहा है नुकसान
शिवसेना और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना एक ही पेड़ की अलग – अलग शाखाएं हैं. बाला साहेब ठाकरे की विरासत को लेकर हुआ झगड़ा राज ठाकरे ने एक अलग पार्टी बनायी और बाला साहेब की राह पर ही राजनीति करने लगे. उनकी राजनीति की चर्चा मीडिया में भी खूब रही लेकिन जनता के बीच ठाकरे अपनी पकड़ उनती मजबूत नहीं कर सके. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार राज ठाकरे की पार्टी सिर्फ एक सीट जीत पायी. दूसरी तरफ शिवसेना भी महाराष्ट्र की राजनीति में खुद को बड़ा भाई मानती थी. उद्धव ने कई बार बयान दिया कि केंद्र में भाजपा बड़ी और महाराष्ट्र में हम लेकिन इस बार भाजपा ने महाराष्ट्र में खुद को बड़ा साबित कर दिया

कई बार दिखी है भाजपा – शिवसेना के बीच दरार
महाराष्ट्र चुनाव के बाद भाजपा और शिवसेना का रिश्ता लव एंड हेट वाला रह गया. कई मुद्दों पर दोनों ने एक दूसरे के साथ होने का दम भरा तो कई बार दोनों के बीच दुरियां नजर आयी. केंद्र और राज्य में शिवसेना ने इस बात पर नाराजगी जतायी कि उन्हें दोनों जगहों पर उचित स्थान नहीं मिल रहा है. भाजपा ने कई बार कहा कि अगर शिवसेना को लगता है कि वो सरकार में नहीं रहना चाहती तो अलग हो सकती है. दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे ने भी 25 साल पुराने गंठबंधन को कोसते हुए कहा कि हमारी बहुमत की सरकार कब की आ गयी होती लेकिन हमारे 25 साल गंठबंधन के कारण बर्बाद हो गये.

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