पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में 80 लोगों की हत्या हुई और ढाई सौ के करीब जख्मी हुए. स्पष्ट है कि आतंकवाद वो जहर है, जो अपने जन्मदाता को भी नहीं छोड़ता. अब जिस तरह से पाकिस्तानी सेना ने सौ से अधिक आतंकवादियों को मारा, वह महज औपचारिकता दिखती है. पंजाब की सरकार ने हाफिज सईद को आतंकवादी निरोधी कानून के दायरे में लाने का फैसला लिया है. यही काम वो मसूद अजहर के मामले में नहीं कर रहा है. अगर पाकिस्तान दहशतगर्दी के प्रति दोहरी नीति को नहीं त्यागा, तो वो खुद इसके संताप से तबाह हो जायेगा.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी