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मेरा तो पूरा कैरियर ही यूपी बिहार बना रहा है : स्वरा भास्कर

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नील बट्टे सन्नाटा में अपने शानदार अभिनय के लिए तारीफें और पुरस्कार बटोर चुकी स्वरा भास्कर इनदिनों अपनी फिल्म अनारकली ऑफ आरा को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. वह इस फिल्म को अपने कैरियर की सबसे बोल्ड फिल्म करार देती हैं, लेकिन वह यह कहते हुए भी हिचकती नहीं हैं कि अनारकली का किरदार महिला सशक्तिकरण […]

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नील बट्टे सन्नाटा में अपने शानदार अभिनय के लिए तारीफें और पुरस्कार बटोर चुकी स्वरा भास्कर इनदिनों अपनी फिल्म अनारकली ऑफ आरा को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. वह इस फिल्म को अपने कैरियर की सबसे बोल्ड फिल्म करार देती हैं, लेकिन वह यह कहते हुए भी हिचकती नहीं हैं कि अनारकली का किरदार महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण हैं. जो पुरुषों द्वारा बनाये समाज में बिना किसी हिचक और झिझक के द्विअर्थी और अश्लील गाने गा रही है. उनकी इस फिल्म और कैरियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

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सवाल : आपकी पिछली रिलीज फिल्म नील बट्टे सन्नाटा ने आपके कैरियर में एक अलग ही ऊंचाई दी अब इस फिल्म को किस तरह से देखती हैं?

जवाब : नील बट्टे सनाटा के बाद अनारकली ऑफ आरा मेरी अगली रिलीज है. मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है. किरदार एक दूसरे से बिलकुल भिन्न है लेकिन एक एक्टर के तौर में उस फिल्म ने मुझे जो मौका दिया था. यह फिल्म भी वैसा ही मौका दे रही है परफॉरमेंस के लिए. कहानी दोनों की बहुत अच्छी है. कुल मिलाकर अनारकली ऑफ आरा बहुत अच्छा कैलकुलेशन रहा है.

सवाल : अविनाश दास एक अच्छे लेखक हैं लेकिन निर्देशक के तौर पर यह उनकी पहली फिल्म थी ऐसे में इस फिल्म को हां कहना कितना आसान था?

जवाब : वह भी पत्रकार रह चुके हैं. हां वह राइटर बहुत अच्छे हैं लेकिन निर्देशक के तौर पर वह नये हैं. उनका पहले कोई अनुभव नहीं था. उन्होंने किसी को असिस्ट भी नहीं किया था. प्रोड्यूसर जो हैं. वह भी कोई बड़े नहीं थे. दिल्ली से थे नये थे. हां बहुत अच्छे लोग थे. मैं जरूर ये बात कहूंगी कि अविनाश ने इतनी अच्छी स्क्रिप्ट लिखी थी कि उसमें मेरा एक विश्वास आ गया. जिससे बाकी डर बैलेंस हो गये. मेरा किरदार और कहानी सब ने मुझे बहुत गहरा विश्वास दिया. मैं अविनाश को पहले से जानती हूं इसलिए कहानी के लिखने के प्रोसेस से मैं शुरू से जुड़ी थी. मैंने उनका हर ड्राफ्ट पढ़ा. उन्होंने बीस से ज्‍यादा ड्राफ्ट लिखे थे और मैंने उनका हर ड्राफ्ट पढ़ा था. इतना करीबी का कन्वर्सेशन था फिल्म की लिखाई को लेकर. यही वजह है कि मैं फिल्म से एक एक्टर से ज्‍यादा जुड़ गयी थी.

सवाल : अनारकली जैसे सिंगर्स के बारे में क्या आपको इस फिल्म से पहले पता था?

जवाब : मेरा तो पूरा कैरियर ही यूपी बिहार बना रहा है. जुड़ाव की बात करूं तो किरदार करते-करते हुआ. फिल्म शुरू होने से पहले मैं इस किरदार और दुनिया के बारे में बिलकुल भी नहीं जानती थी. मेरा ननिहाल बिहार के पटना से आता है लेकिन मैं पली बढ़ी वहां से नहीं हूं. मैं दिल्ली से हूं. अर्बन न्यूकिलियर फॅमिली में पली बढ़ी हूं. मेरे पिताजी साउथ से आते हैं मां नार्थ से लेकिन घर में न तेलुगू बोली जाती है और न ही हिंदी. हमारे घर में अंग्रेजी बोली जाती थी. मैं सोचती भी अंग्रेजी में हूं. मैं ऐसी शादी तक में भी नहीं गये जहां मैंने ऐसे नाचने गाने वालों को देखा होगा लेकिन जब मुझे यह फिल्म ऑफर हुई तो मैं इस पूरी दुनिया से अमेज्ड हो गयी. ऐसे एक संदर्भ से जहां एक पुरुष प्रधान समाज में एक ऐसी औरत जो द्विअर्थी और अश्लील गाने गाती है. अपने हक में स्टार भी है छोटी सी लेकिन फिर भी सामाजिक नजरों में रुसवा भी है. चरित्रहीन मानी जा रही है. बहुत ही जटिल सा स्पेस आप समाज में ले रहे हैं. तो मुझे यही सब बड़ा रोचक लगा. जब एक किरदार में कई रंग और अंतरद्वंद्व हो तो वह अभिनेता के लिए बहुत मजेदार है.

सवाल : यह अब तक का आपका सबसे बोल्ड किरदार है कितना सहज था?

जवाब : यह मेरा अब तक का सबसे बोल्ड किरदार है. इस तरह का बोल्ड किरदार करने का मुझे कभी मौका ही नहीं मिला अगर देखा जाए तो मैंने अब तक फॅमिली फिल्मों में काम किया है. माधोलाल कीप वॉकिंग से नील बट्टे सन्नाटा तक ये सारी फिल्में इसका उदाहरण हैं. वो खालिश फैमिली फिल्में थी. पहली बार किसी एडल्ट फिल्म से मेरा नाम जुड़ा है. मैं सहज थी क्योंकि मैं एक्टर हूं. अपने काम को लेकर मुझे कोई हिचक नहीं थी कोई झिझक नहीं थी. मेरा पूरा विश्वास इस फिल्म पर था फिर चाहे मेरा किरदार हो या स्क्रिप या फिर जो शूट कर रही थी. हमारी फिल्म में कोई ऐसा सीन नहीं है. जो छिछला है अश्लील है. फिल्म में जो कुछ भी हो रहा है आगे पीछे कारण है. मजे ले लिए नहीं है.

सवाल : फिल्म में आपने अपने लुक पर कितना काम किया?

जवाब : लुक से लेकर कई चीजों से मैं जुडी रही हूं. मैंने अविनाश और संदीप को यह बात बोली थी कि आपलोग नये हैं इंडस्ट्री में तो प्लीज मुझे मौका दीजिये. मैं आपको अच्छे लोगों से मिलाऊं टीम में. जो क्रेडिबल लोग हो. जिसके बाद सबसे पहले रविंदर जो एसोसिएट डायरेक्टर और स्क्रिप्ट डॉक्टर हैं फिल्म के गीतकार भी हैं. मेरे पुराने दोस्त हैं. उन्होंने प्रकाश झा के साथ काम किया है. उन्होंने क्लाइमेक्स में एक खूबसूरत गाना फिल्म से जोड़ा. इस फिल्म में संगीत बहुत अहम है. जो रोहित शर्मा का है वो बुद्धा इन ट्रैफिक जैम और शिप और थीसियस में काम किया. उनको भी मैंने फिल्म से जोड़ा. कॉस्टयुम रूपा चौरसिया का है. जो बिहार से हैं. मैंने पहले भी उनके साथ काम किया है. वो निफ्ट से ग्रेजुएट हैं. मैंने उन्ही लोगों को जोड़ा जिनपर मुझे बहुत भरोसा था. फिल्म के लुक पर आये तो मैं आरा गयी. ऐसी औरतों से मिली. मैंने उनके गाने सुने उन्हें रिकॉर्ड किया. इंटरव्यूज किये तब जाकर मैंने पाया कि वो गाते ही नाचते भी हैं. आदमियों को आकर्षित करना उनका काम होता है. गहरे रंग से कपड़े चमकीले साथ में वैसा ही मेकअप. जितना ओरिजिनल हो सकता है. उतना हमने कोशिश की है. फिल्म में अपने पूरे कपड़ों की शॉपिंग आरा से की है और उतने ही बजट में जितने में अनारकली कपड़े खरीद सकती है. वो ऐसे तबके से आती है. जो 50 रूपया मीटर से ज्‍यादा के कपड़े नहीं खरीद सकतीं. साड़ियां 100 -100 रुपये में बिहार के आरा से ही खरीदी हैं.

सवाल : फिल्म की शूटिंग भी क्या बिहार में हुई?

जवाब : फिल्म की शूटिंग यूपी के अमरोहा में हुई है. वेस्टर्न यूपी की अपनी खासियत है. वहां हमें काफी ओरिजिनल से कमेंट सुनने को मिले. स्पेशली डांसिंग शूट करते हुए. मुझे लगा कि यहीं की नाचने वाली हूं मैं. ओरिजिनल फ्लेवर फिल्म में आया है.

सवाल : क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड ने आपको अपनाया है, जर्नी को कैसे देखती हैं?

जवाब : मैं नहीं जानती कि अपनाया या नहीं लेकिन आर्टिस्ट को कभी खुश नहीं होना चाहिए. खुश हो भी ले लेकिन संतुष्ट तो कभी नहीं होना चाहिए. लालच और कुछ अच्छा करने की भूख ही एक आर्टिस्ट की परिभाषा बनाती है. मुझे दर्शकों ने अपना लिया है. जो दिख रहा है. उन्होंने तो जरूर ही. अभी सबने नहीं देखा है.

सवाल : मौका मिला तो क्या कैमरे के पीछे भी काम करना चाहेंगी?

जवाब : निर्देशन का नहीं सोचा, हां एक कहानी जरूर लिखी है. हिंदी प्रदेश में ही एस्थित एक लवस्टोरी है. उसके लिए निर्माता और निर्देशक ढूंढ रही हूं. मैं उस फिल्म में एक्टिंग करना चाहूंगी.

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