लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री गायत्री प्रजापति को बलात्कार के मामले में विशेष अदालत से राहत जरुर मिली लेकिन एक स्थानीय अदालत ने आज उन्हें एक अन्य मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. प्रजापति और उनके दो कथित सहयोगियों को कल पाक्सो की विशेष अदालत ने जमानत दी थी. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दर्ज मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने प्रजापति को न्यायिक हिरासत में भेजा है.
BREAKING NEWS
Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.
Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.
Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement
14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेजे गये गायत्री प्रजापति
Advertisement

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री गायत्री प्रजापति को बलात्कार के मामले में विशेष अदालत से राहत जरुर मिली लेकिन एक स्थानीय अदालत ने आज उन्हें एक अन्य मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. प्रजापति और उनके दो कथित सहयोगियों को कल पाक्सो की विशेष अदालत ने जमानत दी […]

ऑडियो सुनें
नूतन ने 20 जून 2015 को गोमतीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें आरोप था कि प्रजापति ने उन्हें और उनके पति को बलात्कार के ‘पूर्णतया फर्जी’ आरोपों और अन्य आरोपों में फंसाने के लिए राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष जरीना उस्मानी के साथ मिलकर षड्यंत्र रचने की मंशा से अपने राजनीतिक एवं प्रशासनिक प्रभाव का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने शुरुआत में यह कहते हुए कोई कार्रवाई नहीं की कि मामला फर्जी है और इसका मकसद मंत्री को बदनाम करना है लेकिन बाद में सितंबर 2015 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (लखनऊ) सीजेएम के आदेश पर मामला फिर से खुला.
सीजेएम की अदालत ने आज प्रजापति को दस मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस बीच संबद्ध घटनाक्रम में अमेठी के पुलिस अधीक्षक अनीस अंसारी ने मुंशीगंज के थाना प्रभारी आर के सिंह को प्रजापति के खिलाफ बलात्कार के आरोपों की जांच को प्रभावित करने के लिए निलंबित कर दिया। प्रजापति हाल के विधानसभा चुनाव में अमेठी से हार गये थे.
गायत्री प्रजापति की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने अतिक्रमण कर बनायी गयी एक इमारत को ढहाने का आदेश दिया है. यह इमारत प्रजापति ने बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर के निकट एलडीए की भूमि पर अतिक्रमण कर बनायी थी. इमारत को 15 दिन में ढहाने का आदेश प्रजापति को दिया गया है, अन्यथा एलडीए बुलडोजर चलवायेगा और इमारत ध्वस्त करने में आयी लागत प्रजापति से वसूलेगा. उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 49 वर्षीय प्रजापति और छह अन्य के खिलाफ बलात्कार को लेकर 17 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
करीब महीने भर फरार रहने के बाद प्रजापति 15 मार्च को आशियाना क्षेत्र से गिरफ्तार किये गये और उन्हें एक महिला के साथ कथित बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार का प्रयास करने के लिए जेल भेज दिया गया. प्रजापति के अलावा छह अन्य आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. प्रजापति ने गिरफ्तारी पर स्थगनादेश के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन शीर्ष अदालत ने उनसे संबद्ध अदालत से संपर्क करने को कहा.
गिरफ्तारी के समय प्रजापति ने दावा किया था कि वह निर्दोष हैं और उन पर लगाये गये आरोपों का मकसद उनकी छवि खराब करना है. प्रजापति ने कहा था कि वह नारको टेस्ट के लिए तैयार हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके. उन्होंने नाबालिग पीडिता का नारको टेस्ट कराने की भी मांग की.
भाजपा ने प्रजापति के खिलाफ लगे आरोपों को चुनावी मुददा बनाया था और इसके जरिए अखिलेश यादव सरकार पर बडा हमला बोला था. भाजपा ने उस समय अखिलेश पर आरोप लगाया था कि वह अपने दागी मंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि सपा ने इस आरोप से इनकार किया था.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
संबंधित ख़बरें
Trending News
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition