23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

तीन तलाक मामला : न्यायालय ने मुस्लिम संगठनों से पूछा : तीन तलाक आस्था का विषय कैसे हो सकता है? शीर्ष कोर्ट ने सुरक्षित रखा अपना फैसला

Advertisement

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवारको मुस्लिम निकायों से पूछा कि कैसे तीन तलाक जैसी प्रथा ‘आस्था’ का विषय हो सकती है, जब वे कह रहे हैं कि यह ‘पितृसत्तात्मक’, ‘धर्मशास्त्र के अनुसार गलत’ और ‘पाप’ है. प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मुस्लिमों में प्रचलित तीन […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवारको मुस्लिम निकायों से पूछा कि कैसे तीन तलाक जैसी प्रथा ‘आस्था’ का विषय हो सकती है, जब वे कह रहे हैं कि यह ‘पितृसत्तात्मक’, ‘धर्मशास्त्र के अनुसार गलत’ और ‘पाप’ है. प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक की प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर केंद्र, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड और विभिन्न अन्य पक्षों की दलीलों को ग्रीष्मावकाश के दौरान छह दिन तक सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.

- Advertisement -

अदालत ने एआईएमपीएलबी और पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की बार-बार की दलीलों पर गौर किया कि तीन तलाक का पवित्र कुरान में उल्लेख नहीं है, बल्कि यह ‘पाप’, ‘अनियमित’, ‘पितृसत्तात्मक’, ‘धर्मशास्त्र के अनुसार गलत’ और ‘अवांछनीय’ है, लेकिन अदालत को इसका परीक्षण करना चाहिए. खुर्शीद निजी हैसियत से मामले में अदालत की सहायता कर रहे हैं.

पीठ ने कहा, ‘‘आप (खुर्शीद) कहते हैं कि यह पाप है. कैसे कोई पापी प्रथा आस्था का विषय हो सकता है. सवालकियाकि क्या यह (तीन तलाक) लगातार 1400 वर्षों से चल रहा है. जवाब है- ‘हां.’ क्या यह पूरी दुनिया में चल रहा है. जवाब है- ‘नहीं.’ इस पर पीठ ने कहा, व्यवस्था खुद ही कहती है कि यह खराब और गलत है.” पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर भी शामिल हैं.

ये टिप्पणी तब की गयी, जब खुर्शीद प्रत्युत्तर पर दलीलें रख रहे थे. उन्होंने जोर दिया कि यह प्रथा पाप है और धर्मशास्त्र के अनुसार गलत है, यह कानूनन सही नहीं हो सकता. हालांकि, उन्होंने दलील रखी कि अदालत को इसका परीक्षण नहीं करना चाहिए.

पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए, जो कानूनन गलत है, वह प्रथा का हिस्सा नहीं हो सकता. अगर यह धर्मशास्त्र में गलत है, तो इसे कानूनन स्वीकार नहीं किया जा सकता. जो नैतिक रूप से गलत हो, वह कानूनन सही नहीं हो सकता. जो पूरी तरह नैतिक नहीं है, वह कानून सम्मत नहीं हो सकता.” तीन तलाक की पीड़िताओं में से एक सायरा बानो की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिंह चड्ढा ने एआईएमपीएलबी के रुख को उद्धृत करते हुए खंडन के लिए दलीलें रखनी शुरू की. एआईएमपीएलबी ने कहा कि यह पाप और पितृसत्तात्मक प्रथा है और कहा कि यह इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं हो सकता.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें