17.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 01:52 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हिंसा की शिकार महिलाएं काबूल में चलाती हैं रेस्तरां

Advertisement

काबुल के बोस्ट रेस्टोरेंट में देश का नेशनल डिश काबूली पुलाव के साथ पिज्जा व चिकेन जेलफ्राइ भी मिलता है. यह काबुल के डेप्लोमेटिक जिले से कुछ ही दूर पर स्थित है. यहां कुछ दिन पहले तालिबानियों द्वारा आत्मघाती हमला किया गया था, लेकिन इससे बेफिक्र इस रेस्टोरेंट के अंदर सेफ और वेट्रेस की हंसी […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

काबुल के बोस्ट रेस्टोरेंट में देश का नेशनल डिश काबूली पुलाव के साथ पिज्जा व चिकेन जेलफ्राइ भी मिलता है. यह काबुल के डेप्लोमेटिक जिले से कुछ ही दूर पर स्थित है. यहां कुछ दिन पहले तालिबानियों द्वारा आत्मघाती हमला किया गया था, लेकिन इससे बेफिक्र इस रेस्टोरेंट के अंदर सेफ और वेट्रेस की हंसी से यहां का माहौल खुशनुमा बना रहता है. यहां की एक सेफ हैं 19 वर्षीय महिला मुर्शल, जिनकी शादी जबरन 16 वर्ष की आयु में चचेरे भाई से करा दी गयी थी. वह मानसिक रूप से बीमार था.

विवाह के बाद वह मुर्शल के साथ मारपीट करने लगा. यातानाओं के दौर को कुछ दिनों तक सहने के बाद मुर्शल वहां से 200 किलो मीटर दूर काबूल भाग आयी. जब उसके पास कोई सहारा नहीं था्, तब इस रेस्टोरेंट ने उसे सहारा दिया. अफगानिस्तान में वीमेन स्कील डेवलपमेंट (एडब्लूएसडीसी) सेंटर घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए एक मात्र ऐसी जगह है, जो इन्हें आश्रय देता है. इसके संस्थापक मैरी अकमानी बताती हैं कि उन्होंने 2002 में इसकी स्थापना की थी. यहां आनेवाली महिलाएं अपने परिवार के पास वापस नहीं जाना चाहतीं.

अकरमी बताती हैं कि यहां लगभग 4,500 महिलाएं रहती हैं. उन्होंने सोचा कि यहां रहनेवाली महिलाओं के लिए सिर्फ आवास ही जरूरी नहीं है. उन्हें लगा कि यहां रहनेवाली महिलाओं लिए कुछ और करने की जरूरत है. यहां रहने वाली अधिकांश महिलाएं स्कूल तक नहीं गयीं. इसलिए उनके लिए काम ढ़ूंढना मुश्किल भरा था, लेकिन इन महिलाओं ने अपने घरों में ज्यादातर समय खाना बनाने में गुजारा है. इसके बाद उन्हें बोस्ट खोलने का विचार आया. उन्होंने 39 वर्षीय साफिक के साथ यह रेस्टोरेंट चलाने का विचार किया, जो पारिवारिक प्रताड़ना के बाद एडब्लूएसडीसी में रहती थी. घर से भाग कर यहां आने के बाद वह अकमानी और उसके दोस्तों के लिए खाना बनाती थी, जिसके उसे अच्छे पैसे मिल जाते थे.

साफिक की सफलता को देखते हुए अकमानी ने बोस्ट रेस्टोरेंट खोलने का विचार किया, लेकिन महिलाओं द्वारा रेस्टोरेंट चलाना थोड़ा मुश्किल भरा काम था. कुछ दिनों की मेहनत और दृढ़ निश्चय के बाद आज यहां कई महिलाएं काम कर पैसे कमा रही हैं.

तालिबानी नहीं चाहते महिलाएं पैसे कमाएं

महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए अकरामी निरंतर प्रयासरत रहती हैं. वह समझती हैं कि जो महिलाएं परिवार व पुरुषों की शारीरिक हिंसा से बचने के बाद आयी हैं, उन्हें रेस्तरां पुरुषों को सर्व करने में परेशानी हो सकती है. इसलिए बोस्ट में सिर्फ सभ्य पुरुषों का ही स्वागत किया जाता है. अकरामी बताती हैं कि हम केवल उन पुरुषों को यहां आने देते हैं, जो हमारे परिचित हैं और जिन्हें हम अच्छे से जानते हैं, लेकिन अभी अफगानिस्तान में महिलाओं पर होनेवाली हिंसा में कोई कमी नहीं आयी है. यहां के तालिबानी समर्थक नहीं चाहते की महिलाएं काम करें और पैसे कमाएं. यहां तो महिलाएं शान से काम कर रही हैं.

महिलाओं ने लिया व्यावसायिक प्रशिक्षण

अकरमी ने काबुल में एक साल में एक मकान को रेस्टोरेंट के लिए तैयार किया. एडब्लूएसडीसी में रहनेवाली महिलाओं को इस दौरान शेफ सईद मुजाफर द्वारा पेशेवर प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद पिछले साल बोस्ट खोला गया. शुरुआत में यहां शारीरिक हिंसा की शिकार 22 महिलाएं काम करती थीं. यहां काम करनेवाली 19 वर्षीया गजाला को उसके माता-पिता की मौत के बाद उसके अंकल द्वारा देह व्यापार में उतार दिया गया था. वह घर से भाग कर आश्रय में आयी थी और आज वह बोस्ट की वेटरेस बन शान से जी रही है. जब उसे यहां के काम से फुरसत मिलती है, तो वह अंगरेजी क्लास में जाती है. वह भविष्य में अंगरेजी अनुवादक का काम करना चाहती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें