26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 06:31 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जानिये, तीन साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने कौन-कौन से महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार लागू किये

Advertisement

1990 के दशक में प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव के शासनकाल मेें देश में उदारीकरण का दौर शुरू हुआ. देश के बाजार को खोल दिया गया. इसके बाद ही भारत की अर्थव्यवस्था ने दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की. 26 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े कर सुधार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

1990 के दशक में प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव के शासनकाल मेें देश में उदारीकरण का दौर शुरू हुआ. देश के बाजार को खोल दिया गया. इसके बाद ही भारत की अर्थव्यवस्था ने दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की. 26 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े कर सुधार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि दो दशक बाद हुआ यह सबसे बड़ा आर्थिक सुधार देश के लिए गेमचेंजर साबित होगा. जीएसटी लागू होने के साथ ही 17 टैक्स और 23 तरह के सेस समेत करीब 500 तरह के टैक्स खत्म हो गये. इस कानून ने देश में तरह-तरह के करों के जाल को खत्म कर दिया है. अब पूरे देश में एक उत्पाद पर एक ही टैक्स लगेगा. मोदी सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में आर्थिक सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. इसमें कुछ प्रमुख कदम इस प्रकार हैं :

जन-धन खाता : सरकार ने सत्ता संभालने के बाद हर घर में एक बैंक खाता खोलने की योजना के तहत ‘प्रधानमंत्री जन-धन’ योजना की शुरुअात की. अभियान चला कर करोड़ों लोगों के खाते खुलवाये गये.

रिट्रोस्पेक्टिव टैक्स : विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार ने रिट्रोस्पेक्टिव टैक्स की व्यवस्था को खत्म करने का प्रस्ताव किया. इसके तहत किसी विदेशी कंपनी को पिछली तारीख से कर का भुगतान नहीं करना होगा. अभी यह कानून लागू नहीं हुआ है. 29 फरवरी, 2016 को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनेगी, जो सभी पक्षों के साथ मिल कर अब तक के तमाम मामलों का निबटारा करेगी.

डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त किया : 18 अक्तूबर, 2014 को सरकार ने डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त कर दिया.

प्राकृतिक गैस की कीमतों को नियंत्रणमुक्त किया : 10 मार्च को कैबिनेट ने नयी ऊर्जा नीति की घोषणा की. इसमें डीजल और पेट्रोल की तरह प्राकृतिक गैस की कीमतों को भी नियंत्रणमुक्त करते हुए सरकार ने निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए गैस की खोज और उसके उत्पादन के रास्ते खोल दिये.

नियंत्रण से मुक्त होगा केरोसिन : सरकार धीरे-धीरे केरोसिन को नियंत्रणमुक्त करने की योजना पर काम कर रही है. पेट्रोलियम कंपनियों को इसक संबंध में निर्देश दे दिये गये हैं कि वे हर महीने एक निश्चित रकम बढ़ायें. इसके साथ ही सरकार ने निजी कंपनियों को हाइड्रोकार्बन उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा : सरकार ने पेट्रोल डीजल की कीमतों की 15 दिन में समीक्षा की व्यवस्था शुरू की. इसके तहत हर 15 दिन में पेट्रोल-डीजल के दाम घटने-बढ़ने लगे.

कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म :सरकार ने कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने की पहल की है. इस योजना के अमल में आ जाने के बाद सरकार की सब्सिडी का बोझ घटेगा. मुख्य अनाजों का अत्यधिक उत्पादन नहीं होगा.

सीधे खाते में कैश सब्सिडी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) : सब्सिडी की लीकेज रोकने के लिए सरकार ने लोगों के खाते में सीधे सब्सिडी डालने की योजना शुरू की. 16 जिलों में इसकी पायलट परियोजना शुरू हुई और सब्सिडी के पैसे सीधे खाद बनानेवाली कंपनियों के खाते में भेजी गयी. पेंशन, स्काॅलरशिप, गैस सब्सिडी जैसी चुनिंदा सरकारी योजनाअों में सीधे लोगों के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं.

खाद की कीमतें होंगी नियंत्रणमुक्त :13 मई 2015 को सरकार ने चार साल के लिए नयी यूरिया नीति जारी की, जिसमें कहा गया कि सरकार खाद की कीमतों को नियंत्रणमुक्त कर देगी. इससे सब्सिडी का बोझ घटेगा और खाद के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ेगा. इससे खाद का जरूरत से ज्यादा उपयोग थमेगा और खेत की उत्पादकता बनी रहेगी.

बीमा क्षेत्र में 50 फीसदी से अधिक का निवेश : 29 फरवरी, 2016 को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीमा क्षेत्र में 50 फीसदी से अधिक के निवेश को मंजूरी देने की घोषणा की. इस फैसले के बाद गैर-जीवन बीमा कंपनियों में विदेशी कंपनी को अधिकतम हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मिल गयी.

रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ायी : रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश के पहले प्रस्ताव को खारिज कर दिया. हालांकि, बाद में सरकार ने भारतीय कंपनी में विदेशी कंपनी को 50 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दे दी.

रेलवे में 50 फीसदी विदेशी निवेश : रेलवे से संबंधित व्यवसाय में सरकार ने विदेशी कंपनियों को 50 फीसदी से अधिक के विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी. रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार का यह बहुत बड़ा कदम था.

रेलवे में फ्लेक्सी टिकट : रेलवे की कमाई बढ़ाने के लिए विमानन कंपनियों की तरह रेलवे में भी फ्लेक्सी टिकट की शुरुअात की गयी. इससे व्यस्त सीजन में टिकट की कीमतें डिमांड के हिसाब से बढ़ती हैं.

निर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश : कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में विदेशी निवेश की तमाम सीमाएं खत्म कर दी गयीं. कानूनों को लचीला बना दिया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके. इसमें मिनिमम बिल्ट-अप स्पेस से लेकर लाॅक-इन पीरियड तक में रियायत दी गयी.

सिंगल और मल्टीब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश में छूट : यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2012 में सिंगल और मल्टी ब्रांड रिटेल मार्केट को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया था. एनडीए सरकार ने सत्ता में आने के बाद उसके ऊपर लगे कुछ खास किस्म की बंदिशों को कम कर दिया गया.

रिटेल ई-काॅमर्स में विदेशी निवेश : सरकार ने रिटेल ई-काॅमर्स कंपनियों में 50 फीसदी से ज्यादा विदेशी निवेश को मंजूरी दी.

कोयला खनन क्षेत्र में निजी और विदेशी निवेश : कोयला खनन क्षेत्र को निजी और विदेशी कंपनियों के लिए खोल दिया गया. पहले कोयला खनन का अधिकार पूर्णतया सरकारी कंपनी ‘कोल इंडिया’ और उसकी सहायक कंपनियों के पास होता था.

‘प्रायोरिटी सेक्टर’ को लोन देने की बाध्यता खत्म : सरकार ने ‘प्रायोरिटी सेक्टर’, जिसमें कृषि, छोटे व्यवसाय, शिक्षा और हाउसिंग बिजनेस शामिल हैं, को ऋण देने की बैंकों की बाध्यता को खत्म कर दिया. पुराने नियमों की वजह से विकास की रफ्तार कम हो जाती थी और तेजी से बढ़नेवाले सेक्टर को लोन नहीं मिल पाता था.

इंडस्ट्रियल लाइसेंस की वैधता बढ़ी : औद्योगिक संस्थानों के लाइसेंस की वैधता अवधि बढ़ा दी गयी. सरकार का मानना था कि कम अवधि के लाइसेंस की वजह से औद्योगिक घरानों को कई तरह की समस्याअों से जूझना पड़ता था.

दिवालियापन कानून : मृतप्राय कंपनियों के दिवालियापन के जरिये बाजार से बाहर निकलने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया.

बिजनेस करने में आसानी : ईज आॅफ डूइंग बिजनेस पर वर्ल्ड बैंक की वर्ष 2017 की रिपोर्ट में कहा गया है कि आज भी भारत में व्यवसाय शुरू करने के लिए 12.1 प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जबकि दक्षिण एशिया के अन्य क्षेत्रों में यह 8.1 है.

स्पेक्ट्रम की पारदर्शी नीलामी : एनडीए सरकार ने पहली बार टेलीकाॅम कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी का आयोजन किया. आॅनलाइन नीलामी से सरकार को भारी कमाई हुई.

नोटबंदी : 8 नवंबर, 2016 की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और अचानक 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा कर दी. साथ ही देशवासियों से अपील की कि वे देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में पहल करें. लोग कार्ड पेमेंट को बढ़ावा दें. प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले और देश को कैशलेस अर्थव्यस्था बनाने की अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें