21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 05:55 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

10 वर्षीय गर्भवती बलात्कार पीड़िता के समक्ष आयेंगी कई चुनौतियां, पढ़ें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Advertisement

नयी दिल्ली : विशेषज्ञों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने 32 सप्ताह की गर्भवती जिस 10 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, उसे कई वर्षों तक काउंसलिंग की आवश्यकता पड़ सकती है. मनोवैज्ञानिकों एवं बाल संरक्षण विशेषज्ञों ने कहा कि बलात्कार और बचपन में गर्भधारण के सदमे […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : विशेषज्ञों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने 32 सप्ताह की गर्भवती जिस 10 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, उसे कई वर्षों तक काउंसलिंग की आवश्यकता पड़ सकती है. मनोवैज्ञानिकों एवं बाल संरक्षण विशेषज्ञों ने कहा कि बलात्कार और बचपन में गर्भधारण के सदमे से उबरने में बच्ची की मदद करने के लिए उसकी लंबे समय तक काउंसिलंग की जरुरत होगी. बच्ची का उसके रिश्तेदार ने बलात्कार किया था और कुछ ही सप्ताह में वह बच्चे को जन्म देने वाली है. मुंबई के एक मनोवैज्ञानिक हरीश शेट्टी ने कहा, ‘ ‘उसे अच्छी काउंसलिंग के रुप में लगातार मदद मिलनी चाहिए. उसे किसी गंदे से मकान में छोडने के बजाए पुनर्वास की आवश्यकता है. उसे ऐसी जगह मुहैया कराने की आवश्यकता है जहां उसका सम्मान हो सके.’ ‘ विशेषज्ञों ने कहा कि यह बच्ची इस मामले से उबरने के लिए बहुत छोटी है और वह मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा से गुजर रही है.

- Advertisement -

हर चौथी गर्भवती महिला हेपेटाइटिस से ग्रसित

शहर के मनोवैज्ञानिक समीर पारिख ने केवल बच्ची ही नहीं बल्कि उसके परिवार को भी मनोवैज्ञानिक की मदद मुहैया कराये जाने की सलाह दी है. पारिख ने कहा, ‘ ‘इस घटना से जुडे सदमे से उबरने में इस प्रकार की मदद लाभकारी हो सकती है. इससे बच्ची और परिवार के सदस्यों को खुद को हालात के अनुसार ढालने मे मदद मिलेगी.’ ‘ उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना से बच्ची के व्यक्तिगत संबंधों, उसकी शख्सियत, आत्म सम्मान और समग्र स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.

पहले तीन महीनों में थायरॉयड गर्भवती के लिए है खतरनाक

मुंबई की स्त्रीरोग विशेषज्ञ सोनल कुमता ने कहा कि इतनी कम उम्र में जन्म देना और गर्भपात कराना दोनों ‘ ‘समान रुप से जोखिम भरे ‘ ‘ है. उन्होंने कहा, ‘ ‘बच्ची में खून की कमी हो सकती है या बच्चे का जन्म समय से पूर्व हो सकता है. ‘ ‘ शेट्टी ने कहा कि काउंसलरों को बच्ची के अचानक भावनात्मक बदलाव पर नजर रखनी चाहिए और उसे समझते हुए उसकी काउंसलिंग करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘ ‘काउंसलर को उसका दु:ख समझना चाहिए और धीरे धीरे उसकी परेशानी को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. उन्हें उसकी भावनाओं एवं अत्यंत डर– उसे आने वाले सपनों, उदासी आदि पर नजर रखनी चाहिए. ‘ ‘ उन्होंने कहा कि पुनर्वास की प्रक्रिया रकनी नहीं चाहिए. शेट्टी ने कहा कि नए शहर में नई पहचान के साथ उसे नया जीवन शुरू करने में मदद करनी चाहिए.

बाढ़ का कहर: जब नवजात जुड़वा और गर्भवती महिला को बचाने पहुंचा वायुसेना का हेलिकॉप्टर

सोनल ने कहा कि 10 साल की बच्ची में गर्भधारण का पता लगाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने लडकियों को जागरुक बनाने के लिए शुरुआत में ही इस संबंध में उन्हें ‘ ‘शिक्षित ‘ ‘ बनाने की सलाह दी. न्यायालय चिकित्सीय गर्भ समापन कानून के तहत 20 सप्ताह तक के भ्रूण के गर्भपात की अनुमति देता है और वह भ्रूण के अनुवांशिकी रुप से असामान्य होने की स्थिति में अपवाद स्वरुप आदेश भी दे सकता है. आल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेन्स एसोसिएशन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि ऐसे मामलों में अदालत के आदेश में देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि मां का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘ ‘ऐसे मामलों में सुनवाई में देरी अस्वीकार्य है. ऐसे मामलों की दिन प्रतिदिन के हिसाब से सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि इसका मां के स्वास्थ्य पर असर पडेगा.’ ‘

गर्भवती को दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाया, मौत, पढें कहां का है मामला

चंडीगढ की जिला अदालत ने 18 जुलाई को बलात्कार पीडिता को गर्भपात की अनुमति देने से इंकार कर दिया था क्योंकि उसके 26 सप्ताह के गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद इस मामले में शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर की गयी थी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें