28.3 C
Ranchi
Thursday, March 6, 2025 | 04:44 pm
28.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

2 साल में सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दी 1400 साल पुरानी प्रथा

Advertisement

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में मंगलवार को मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एक बार में ‘तीन तलाक’ कह कर तलाक देने की 1400 साल पुरानी प्रथा खत्म करते हुए इसे पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ और इससे इस्लामिक शरीया कानून का उल्लंघन करने सहित अनेक आधारों पर निरस्त कर दिया. […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में मंगलवार को मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एक बार में ‘तीन तलाक’ कह कर तलाक देने की 1400 साल पुरानी प्रथा खत्म करते हुए इसे पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ और इससे इस्लामिक शरीया कानून का उल्लंघन करने सहित अनेक आधारों पर निरस्त कर दिया.

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से, जिसमें प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर अल्पमत में थे, ने एक पंक्ति के आदेश में कहा, ‘3:2 के बहुमत में रिकाॅर्ड की गयी अलग-अलग राय के मद्देनजर तलाक-ए-बिद्दत् (तीन तलाक) की प्रथा निरस्त की जाती है.’

इसे भी पढ़ें: 24 महीने में 18 बार हुई सुनवाई के बाद भारत ने भी ‘तीन तलाक’ को दिया ‘तलाक’, जानें खास बातें

संविधान पीठ के 395 पेज के फैसले में तीन अलग-अलग निर्णय आये. इनमें से बहुमत केलिए लिखनेवाले जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आरएफ नरीमन,चीफ जस्टिस और जस्टिस एसए नजीर के अल्पमत के इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं थे कि ‘तीन तलाक’ धार्मिक प्रथा का हिस्सा है और सरकार को इसमें दखल देते हुए एक कानून बनाना चाहिए.

जस्टिस जोसेफ,जस्टिस नरीमन औरजस्टिस उदय यू ललित ने इस मुद्दे परचीफजस्टिस और जस्टिस नजीर से स्पष्ट रूप से असहमति व्यक्त की कि क्या तीन तलाक इस्लाम का मूलभूत आधार है.

इसे भी पढ़ें : फर्जी प्लॉट आवंटन मामले में अपर्णा की मां व मुलायम की समधन अंबी बिष्ट पर आरोप, जांच के आदेश

सरकार, राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और याचिकाकर्ताओं ने तत्काल ही इस निर्णय का स्वागत किया. प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी ने इसे ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए कहा कि इसने मुस्लिम महिलाओं को बराबर का हक प्रदान किया है.

विधिवेत्ता सोली सोराबजी ने कहा, ‘यह प्रगतिशील फैसला है, जिसने महिलाओं के अधिकारों को संरक्षण दिया है और अब कोई भी मुस्लिम व्यक्ति इस तरीके से अपनी पत्नी को तलाक नहीं दे सकेगा.’ तीन तलाक की प्रथा निरस्त होने के बाद अब, सुन्नी मुस्लिम, जिनमें तीन तलाक की प्रथा प्रचलित थी, इस तरीके का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, क्योंकि शुरू में ही यह गैरकानूनी होगा.

इसे भी पढ़ें: गहरा सकता है तमिलनाडु में राजनीतिक संकट, दिनाकरन गुट के 19 विधायक हुए बागी

शीर्ष अदालत द्वारा तलाक-ए-बिद्दत या एकबारगी तीन तलाक कह कर तलाक देने की प्रथा निरस्त किये जाने के बाद अब इनके पास तलाक लेने के दो ही तरीके-तलाक हसन और तलाक अहसान ही उपलब्ध हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर