पिछले चार सालों में देश भर में करीब 450 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें करीब 800 लोग असमय काल कवलित हो गये. ये आंकड़ें भारतीय रेल विभाग की लापरवाही को उजागर करता है. एनसीआरबी के अनुसार करीब 80% रेल दुर्घटनाएं मानवीय भूल की वजह से होती है.
रेल पटरियों का समुचित रखरखाव नहीं होने के कारण ट्रेनें पटरी से उतर रही है और लोगों की जाने जा रही हैं, रेलवे के कई रूट पर अंग्रेजों के समय बने पुल-पुलिया हैं. वे जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं और कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. सरकार को चाहिए कि रेलवे में रखरखाव और कर्मठ कर्मचारियों की नियुक्ति पर ध्यान दे, तो यात्रा सुरक्षित हो पायेगी.
संजय डागा, इमेल से