नयी दिल्ली : बच्चों के साथ यौन शोषण के बढ़ते मामलों के बीच एनसीइआरटी चाहता है कि छात्र गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर पहचानें. इसलिए उन्हें किताबों में यह पढ़ाया जाये कि यौन शोषण का सामना करने पर उन्हें क्या करना चाहिए. स्कूली पाठ्यक्रमों और पुस्तकों पर केंद्र और राज्य सरकार को सुझाव देने वाले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने कहा कि अगले सत्र से उसकी सभी किताबों में ऐसे मामलों से निबटने के लिए क्या करना चाहिए, इसकी एक सूची होगी.
इसमें पोक्सो कानून और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के बारे में जानकारी देने के साथ ही कुछ हेल्पलाइन नंबर भी होंगे.
एनसीइआरटी निदेशक ऋषिकेश सेनापति ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव के साथ उनसे संपर्क किया और हमने उसे स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया कि शिक्षकों को गुड और बैड टच के बीच अंतर बताने के लिए छात्रों को शिक्षित करने की कोशिश करनी चाहिए लेकिन अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षक भी अकसर इस बात से अनजान रहते हैं कि ऐसी स्थितियों में क्या करना चाहिए और इसकी रिपोर्ट कहां की जाये.