20.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 11:14 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नीतिगत दर में बदलाव नहीं, RBI ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाया, मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें…

Advertisement

मुंबई : सरकार और उद्योग जगत की उम्मीदों को झटका देते हुए रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया. नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किये जाने के आज के फैसले के […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुंबई : सरकार और उद्योग जगत की उम्मीदों को झटका देते हुए रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया. नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किये जाने के आज के फैसले के बाद प्रमुख नीतिगत दर रेपो 6.0 प्रतिशत पर बनी रहेगी. रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्प अवधि के लिये कर्ज देता है.

चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर के साथ साथ रिवर्स रेपो दर को 5.75 प्रतिशत पर यथावत रखा है. रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक, बैंकों से नकदी उठाता है. इससे पहले, पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.0 प्रतिशत कर दिया था.

रिजर्व बैंक ने 2017-18 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा, मौद्रिक नीति समिति का निर्णय मौद्रिक नीति के तटस्थ रख के अनुरूप है. यह मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) आधारित मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के दायरे के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लक्ष्य अनुसार है. मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में पांच ने फैसले के पक्ष में जबकि एक सदस्य रवींद्र ढोलकिया ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के पक्ष में मतदान किया.

रिजर्व बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के जून में रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर आने के बाद इसमें अब वृद्धि देखी जा रही है और मार्च तिमाही में इसके 4.6 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है. उसने कहा, मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी ने नीति रख तटस्थ रखने और आने वाले आंकडों पर नजर रखने का फैसला किया है. एमपीसी दीर्घकालीन आधार पर मुख्य मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के आसपास रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. आर्थिक वृद्धि के मामले में केंद्रीय बैंक ने 2017-18 के लिये सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है.

रिजर्व बैंक ने कहा, वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में वृद्धि की रफ्तार कमजोर पड़ना और खरीफ फसल उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान कम आना आर्थिक परिदृश्य में गिरावट के शुरुआती संकेत देते हैं. जीएसटी के क्रियान्वयन का प्रतिकूल प्रभाव भी अब तक बना हुआ है ऐसा जान पड़ता है. इससे अल्पकाल में विनिर्माण क्षेत्र के लिये संभावना अनिश्चित जान पड़ती है. एमपीसी ने कहा कि हाल के समय में जो संरचनात्मक सुधार हुए, उससे व्यापार माहौल में सुधार, पारदर्शिता बढ़ने और संगठित क्षेत्र का दायरा बढ़ने से मध्यम से दीर्घकाल में आर्थिक वृद्धि में तेजी आयेगी.

बाजार हालांकि पहले से ही यह उम्मीद कर रहा था कि मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में मतदान करेगी. उनका यह भी मानना है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि से नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश नहीं है और अगर स्थिति बदलती है तो चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में इसमें एक बार कमी की जा सकती है.

यह मौद्रिक नीति समीक्षा ऐसे समय हुई है जब नोटबंदी और जीएसटी जैसे विभिन्न कारणों से आर्थिक वृद्धि में नरमी आयी है. आर्थिक वृद्धि में गिरावट को देखते हुए सरकार के साथ उद्योग जगत मौद्रिक नीति में रेपो दर में कटौती की उम्मीद कर रहा था.

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें…
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं.
-प्रमुख नीतिगत दर को छह प्रतिशत पर यथावत रखा गया.
– रिवर्स रेपो दर 5.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित.
– 2017-18 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत किया.
– दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति 4.2 से 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान.
-जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से लघु अवधि में विनिर्माण क्षेत्र की संभावनाएं अनिश्चित.
-मुख्य मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर चार प्रतिशत के करीब रखने का लक्ष्य.
-केंद्रीय बैंक बैंकों के बही खाते से कंपनियों की दबाव वाली संपत्तियों के हल के लिए काम करेगा.
– हालिया संरचनात्मक सुधारों से कारोबारी धारणा, पारदर्शिता और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने को लेकर स्थिति सुधरी.
– केंद्रीय बैंक ने ठहरी निवेश परियोजनाओं को शुरु करने, कारोबार सुगमता में सुधार और जीएसटी सरलीकरण के लिये समन्वित प्रयासों पर बल दिया.
-राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले काफी ऊंचे स्टाम्प शुल्क की दरों को तर्कसंगत बनाने का सुझाव. सस्ते आवास कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने पर बल.
-मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-6 दिसंबर को.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें