14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 03:35 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

क्या हासिल होगा इस प्रतिरोध से अपनी कविताओं में बता रहे मणि मोहन

Advertisement

मणि मोहन का जन्म : 02 मई 1967 को सिरोंज, विदिशा, मध्य प्रदेश में हुआ. शिक्षा : अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और शोध उपाधि. प्रकाशन : देश की महत्वपूर्ण साहित्यिक पत्र – पत्रिकाओं ( पहल , वसुधा , अक्षर पर्व , समावर्तन , नया पथ , वागर्थ , जनपथ, बया आदि ) में कविताएं तथा […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मणि मोहन का जन्म : 02 मई 1967 को सिरोंज, विदिशा, मध्य प्रदेश में हुआ. शिक्षा : अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और शोध उपाधि.

प्रकाशन : देश की महत्वपूर्ण साहित्यिक पत्र – पत्रिकाओं ( पहल , वसुधा , अक्षर पर्व , समावर्तन , नया पथ , वागर्थ , जनपथ, बया आदि ) में कविताएं तथा अनुवाद प्रकाशित. वर्ष 2003 में म. प्र. साहित्य अकादमी के सहयोग से कविता संग्रह ‘ कस्बे का कवि एवं अन्य कविताएं ‘ प्रकाशित. वर्ष 2012 में रोमेनियन कवि मारिन सोरेसक्यू की कविताओं की अनुवाद पुस्तक ‘ एक सीढ़ी आकाश के लिए ‘ प्रकाशित. वर्ष 2013 में कविता संग्रह ‘शायद’ प्रकाशित. इसी संग्रह पर म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा वागीश्वरी पुरस्कार. संप्रति : शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गंज बासौदा ( म.प्र ) में अध्यापन.
संपर्क : मोबाइल : 9425150346
ई-मेल : profmanimohanmehta@gmail.com

मणि मोहन की कविताएं
बस एक लय
वे पूछते हैं
क्या हासिल होगा
इस प्रतिरोध से … ?
मैं कहता हूं
बस एक लय
प्रतिरोध की…
जो रूठ सी गई थी
कहीं कहीं से
टूट सी गई थी …
बस एक लय !
लीला
सपनों ने आवाज़ दी
कि चलो
और पीछे – पीछे चल दी कविता
साथ में कुछ जुगनु
विचारों के
जलते-बुझते
धरती-आसमान
चांद-सितारे
रात-दिन
सब तमाशबीन
कि बस
शुरू होने वाली है
एक लीला
भाषा के बीहड़ में.
यात्रा
जंजीरों से बंधे हैं
सूटकेस
सिरहाने रखे हुए हैं
जूते
बर्थ से चिपके हुए हैं
जिस्म
संशय और अविश्वास के अंधेरे में
झपक रही है नींद
ट्रेन चल रही है . . .
गिनती
गिन रहा हूं
अपराजिता की लता में लगे
छोटे-छोटे नीले शंख
गिन रहा हूं
अपने अंडे उठाये
भागती चींटियों को
गिन रहा हूं
अमरुद के पेड़ पर बैठे हरियल तोतों
और सिर के ऊपर से उड़ान भरते
सफेद कबूतरों को
गिन रहा हूं
अनगिनत
पेड़, परिंदे
फूल , तितली
स्कूल से घर लौटते
धींगा मस्ती करते बच्चों को
बहुत अबेर हुई
बन्द हो चुके तमाम बैंक
खत्म हुए
संसद और विधानसभाओं के सत्र
बंद हुए
गिनती से जुड़े तमाम कारोबार
धीरे-धीरे फैलने लगा है अँधेरा
पर अभी चैन कहां
अभी तो सितारों से सजा
पूरा आसमान बाकी है.
युद्ध
किसी और से पहले
खुद से लड़ना होगा
किसी खूबसूरत विचार के ख़िलाफ़
मन के एकदम भीतरी कोने में
जो पनप रहा है
कुछ – कुछ पाप जैसा
उसे उखाड़ना होगा
किसी खूबसूरत स्वप्न के ख़िलाफ़
ज़ेहन में
जो फुंफकार रहा है
एक जहरीला सांप
उसे कुचलना होगा
नष्ट करने होंगे
देह के भीतर
ज़ंग खाते
सैंकड़ों हथियार
अभी तो शेष हैं
असंख्य परछाइयां
अधूरी लड़ाइयां
खुद के साथ .
एक दिन
देखना ! एक दिन
बस हम दोनों ही रह जायेंगे
इस घोंसले में
देखना ! एक दिन
मैं कहूंगा तुमसे –
अच्छा हुआ न
जो घोंसला बड़ा नहीं बनाया हमने
देखना ! एक दिन
इसी घोंसले की देहरी से
हम देखेंगे
दूर आसमान में
सितारों के तिनकों से बना
हमारे बच्चों का घोंसला
देखना ! एक दिन
अपनी नम आंखों से
मेरी तरफ देखते हुए
तुम ज़िद करोगी
वहां चलने की
और मैं कहूंगा –
उड़ सकोगी
इतने प्रकाश वर्ष दूर …
शायद
दुःख और निराशा के क्षणों में
हम बार बार लौटते हैं
इस एक छोटे से शब्द की तरफ
जिसे ‘शायद’ कहते हैं .
भाषा के आसमान का
यह एक टूटा हुआ सितारा है
सुना है
किसी टूटते हुए तारे को देखकर
मन में जो भी इच्छा करो
वह पूरी हो जाती है .
यह एक छोटा सा शब्द
जो महाप्राण की कविता में
कभी नीलकमल बन जाता है
तो कभी बदल जाता है
कमल-नेत्र में .
दुनियां की तमाम भाषाओं के अंधकार में
मौजूद है यह शब्द
जुगनू की तरह
बुझता – चमकता
यह एक छोटा सा शब्द
जो बारिश , हवा और बर्फ़बारी के बीच
ओ हेनरी की कथा में
चिपका हुआ है
आइवि की लता से
गहरे हरे रंग का पत्ता बनकर.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें