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#बजट2018 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट में आपके लिए क्या है, दस प्वाइंट में समझें
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नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपना बजट लोकसभा में पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह आखिरी बजट है, ऐसे में यह बजट चुनावी रंग में रंगा है, जिसमें गांव, गरीब, किसान और निचले तबके लिए बड़ी घोषणाएं की गयी हैं. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने […]
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नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपना बजट लोकसभा में पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह आखिरी बजट है, ऐसे में यह बजट चुनावी रंग में रंगा है, जिसमें गांव, गरीब, किसान और निचले तबके लिए बड़ी घोषणाएं की गयी हैं. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, हालांकि 14 साल बाद स्टैंडर्ड टैक्स डिडेक्शन का लाभ देने का एलान किया है, जो डॉ मनमोहन सिंह की सरकार बनने के बाद बंद कर दिया गया था. इसके अलावा बुजुर्गों को भी लाभ दिया गया है. शेयर बाजार में निवेशकों के लिए सालाना एक लाख से अधिक की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का एलान किया. आइए दस प्वाइंट में समझें आपके लिए बजट 2018 में क्या है :
प्वाइंट 1 : टैक्स स्लैब : अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि बिहार के वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने न्यूनतम टैक्स स्लैब तीन लाख रुपये तक करने की सलाह दी थी, जिसे सरकार ने नहीं माना. यह ढाई लाख रुपये पूर्व की तरह है और टैक्स दर वही है. हालांकि डिडेक्शन 40 हजार रुपये तक कर दी है. 2.50 करोड़ वेतनभोगी व पेंशनभोगियों को मानक कटौती का लाभ मिलेगा. 2.50 करोड़ वेतनभोगी व पेंशनभोगियों को मानक कटौती का लाभ मिलेगा.
प्वाइंट 2 : बुजुर्ग नागरिक : आप वरिष्ठ नागरिक हैं या आपके घर में बुजुर्ग हैं तो आपके लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है. वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न जमाओं पर मिलने वाले 50,000 तक के ब्याज पर कर छूट मिलेगी, पहले यह सीमा मात्र 10,000 रुपये थी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीवन बीमा निगम द्वारा संचालित ‘प्रधानमंत्री वय वंदन योजना’ में निवेश करने की सीमा 7.5 लाख रुपये से दोगुना बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गयी है.
प्वाइंट 3 : शिक्षा : सरकार ने शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड प्रोग्राम तैयार करने का एलान किया है. इसी तरह आदिवासी बच्चों के लिए नवोदय की तर्ज पर एकलव्य विद्यालयों के विस्तार का एलान किया है. इससे झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा जैसे आदिवासी बहुल राज्यों को विशेष तौर पर लाभ होगा. 2022 तक सभी आदिवासी बहुल ब्लॉक में एकलव्य स्कूल खोल लिया जायेगा व इस समय अवधि तक स्कूलों की अाधारभूत संरचना पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च होगा. सरकार 24 नये मेडिकल काॅलेज सह अस्पताल खोलेगी, इससे मेडिकल एडुकेशन को बूस्टअप मिलेगा.
प्वाइंट 4 : खेती-किसानी : सरकार अब कृषि के लिए ऑपरेशन ग्रीन चलायेगी और इसके लिए पांच हजार करोड़ का फंड तैयार किया जायेगा. सरकार ने कृषि कर्ज सीमा 11 लाख करोड़ रुपये कर दी जो पिछले बजट में 10 लाख करोड़ रुपये थी. जिलों में कृषि उत्पाद चिह्नित कर कलस्टर आधार पर उनका विकास किया जायेगा. किसानों को उनके लागत मूल्य से डेढ़ गुणा एमएसपी दिया जायेगा. साढ़े 14 लाख करोड़ आवंट गांव-कृषि के लिए किया गया है.
प्वाइंट 5 : महंगाई की मार : सरकार ने मोबाइल व टीवी उपकरण के लिए कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत से बढ़ा कर 20 प्रतिशत कर दी है, इससे ये उत्पाद महंगे होंगे.
प्वाइंट 6 : हेल्थ इंश्योरेंस : सरकार ने मेडिकल इंश्योरेंस पर सबसे ज्यादा जोर दिया है. 10 करोड़ परिवार व 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जायेगा. इसे नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम का नाम दिया गया है. जेटली ने कहा है कि इसकी सफलता के आधार पर इसका विस्तार किया जायेगा. टीवी मरीजों को 500 रुपये मासिक देने का भी सरकार ने एलान किया है.
प्वाइंट 7 : आवासन-स्वास्थ्य-स्वच्छता : सरकार ने उम्मीद के विपरीत शहरी आवास के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की, लेकिन 50 लाख नये घर बनाये जाने का एलान किया, जो संभवत: ग्रामीण भारत में केंद्रित होंगे. सरकार ने दो करोड़ शौचालय भी नये वित्तीय वर्ष में बनाने का लक्ष्य रखा है. स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का बजट 2018-19 के लिए बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपये किया गया जो 2017-18 में 1.22 लाख करोड़ रुपये था. सरकार ने समावेशी समाज के सपने के लिए 115 जिले चिह्नित किया है. यह देखना होगा कि इसमें कौन जिले शामिल हैं.
प्वाइंट 8 : निवेशक : अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं और उससे कमाई कर रहे हैं तो एक लाख से अधिक की आय पर आपको 10 प्रतिशत कैपिटल गैन टैक्स देना पड़ेगा.
प्वाइंट 9 : राजकोषीय घाटा : वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.2% से बढ़कर देश के सकल घरेलू उत्पाद का 3.5% हो गया. पूर्व वित्तमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसके लिए सरकार की आलोचना की है. वित्त वर्ष 2018-19 में इसे 3.3% रखने का लक्ष्य तय किया है. राजकोषीय घाटा देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है और आम लोग भी इससे अप्रत्यक्षत: प्रभावित होते हैं.
प्वाइंट 10 : विमनान सेक्टर:मोदी सरकार का एक अहम फोकस प्वाइंट है. विमानपत्तन प्राधिकरण के तहत वर्तमान में 124 हवाईअड्डे हैं. सरकार ने आज एलान किया है कि देश के हवाईअड्डों की यात्री वहन क्षमता को पांच गुना बढ़ाया जाएगा. अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में उस पुराने नारे का उल्लेख किया कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज पर उड़ायेंगे. विमानन सेक्टर में किये गये काम के कारण यह मध्यम वर्ग के दायरे में पहले ही आ चुका है, संभव है आने वाले सालों में यह निम्न मध्यवर्ग के दायरे में भी आ जाये.
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