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WorldPressFreedomDay : खतरनाक है कलम पर व्यवस्था का अंकुश

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आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है. सूचनाओं के इस युग में इस दिन का खास महत्व है. इस दिवस की शुरुआत भले ही 1993 से हुई हो और संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया हो, लेकिन प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के महत्व को इससे […]

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आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है. सूचनाओं के इस युग में इस दिन का खास महत्व है. इस दिवस की शुरुआत भले ही 1993 से हुई हो और संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया हो, लेकिन प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के महत्व को इससे बहुत पहले से ही महसूस किया जाता रहा है. तभी तो महात्मा गांधी ने कहा था ‘अखबारों की स्वतंत्रता एक बहुमूल्य अधिकार है और कोई भी देश इस अधिकार को छोड़ नहीं सकता.’

प्रेस का स्वतंत्र होना बहुत जरूरी है
लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता का खास महत्व है. प्रेस सरकार और जनता के बीच माध्यम का काम करता है. वह सरकार को निरंकुश होने से रोकता है, तो दूसरी ओर जनता को भी अपने दायित्वों और अधिकारों के प्रति सचेत करता है, ताकि लोकतंत्र की आत्मा क्षतिग्रस्त ना हो. आज के दौर में जबकि विभिन्न देशों में सरकारें प्रेस पर दबाव बनाना चाहती हैं और अपने मनमुताबिक खबरों का प्रकाशन करवाना चाहती है, यह संपादकों का दायित्व है कि वे प्रेस की स्वतंत्रता को बचाकर रखें अन्यथा कलम की ताकत भोथरी हो सकती है.

पत्रकारों पर बढ़ा है दबाव
इन दिनों पत्रकारों पर दबाव बहुत बढ़ गया है. कई चरमपंथी संगठन पत्रकारों को अपना शिकार बना रहे हैं जिनमें आईएसजैसा आतंकी संगठनसबसे आगे है. अभी परसों ही अफगानिस्तान में 11 पत्रकारों की मौत एक आत्मघाती हमले में हो गयी. वे आतंकवादी हमले की खबर को कवर कर रहे थे. हमारे देश में भी छोटे-छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक में पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं. गौरी लंकेश की हत्या इसका उदाहरण है. मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं जो मंथन पर मजबूर करती है.
‘फेक न्यूज’ के दौर में बढ़ गयी है मीडिया की जिम्मेदारी
सोशल मीडिया के इस युग में ‘फेक न्यूज’ का कल्चर बहुत बढ़ गया है. कोई भी गलत सूचना बहुत जल्दी समाज में फैल जाती है और कई बार बड़े विवाद का कारण बन जाती है. ऐसे में मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है, ताकि वह इस जाल में फंसे नहीं और अपनी विश्वसनीयता बनाये रखे. लेकिन यह भी एक सच है कि मीडिया की विश्वसनीयता को बनाये रखने के लिए उस पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि यह स्थिति बहुत खतरनाक होगी.

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