21.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 10:51 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गडकरी ने कहा-मतभेद के बावजूद शिवसेना गठबंधन जारी रखने के पक्ष में है भाजपा

Advertisement

मुंबई : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवारको कहा कि भाजपा और शिवसेना में कुछ मतभेद हो सकते हैं किंतु दोनों का एक-दूसरे के बिना काम नहीं चल सकता. हालांकि, वह चाहते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन चलता रहे. पालघर लोकसभा उपचुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के संबंधों में आयी खटास के बीच […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुंबई : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवारको कहा कि भाजपा और शिवसेना में कुछ मतभेद हो सकते हैं किंतु दोनों का एक-दूसरे के बिना काम नहीं चल सकता. हालांकि, वह चाहते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन चलता रहे. पालघर लोकसभा उपचुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के संबंधों में आयी खटास के बीच गडकरी ने कहा कि भगवा गठबंधन में कोई वैचारिक मतभेद नहीं है.

उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता है. उन्होंने कहा, यह गठबंधन (शिवसेना प्रमुख) दिवंगत बाल ठाकरे और (भाजपा के दिवंगत नेता) प्रमोद महाजन ने हिंदुत्व के मुद्दे पर किया था और दोनों पार्टियों के बीच कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं. मैं चाहता हूं कि गठबंधन चलता रहे. वह नरेंद्र मोदी सरकार की पिछले चार साल की उपलब्धियों को बताने के लिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने एक मराठी कहावत का उल्लेख करते हुए कहा, ‘तुझा माझा जमे ना, तुझा वचुन कर्मे ना (हमारे बीच काफी मतभेद है, लेकिन इसके बावजूद हम एक-दूसरे के बगैर नहीं रह सकते.’ उन्होंने कहा कि गठबंधन के दोनों घटक दलों की भी स्थिति उसी तरह है.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले साल लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच मध्यस्थता करेंगे, तो गडकरी ने कहा कि वह दिल्ली में अपने मंत्रालय संबंधी काम में काफी व्यस्त हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहब दाणवे स्थिति से निपटने में सक्षम हैं. यह पूछे जाने पर कि अगर पार्टी उनसे हस्तक्षेप करने को कहती है तो क्या वह करेंगे, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘हां मैं ऐसा करूंगा. राजनीति में कुछ भी हो सकता है. कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता.’

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के आरएसएस के न्योते को स्वीकार करने पर विपक्ष की ओर से की जा रही आलोचना पर उन्होंने कहा, ‘आरएसएस पाकिस्तान का आईएसआई नहीं है. आरएसएस राष्ट्रवादियों का संगठन है.’ उन्होंने कहा, ‘मुखर्जी का न्योता स्वीकार करना अच्छी शुरुआत है. राजनैतिक छुआछूत सही नहीं है.’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मुखर्जी सात जून को नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष समापन समारोह में पूर्व मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने सोमवार को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ने न्योता स्वीकार कर लिया है.

प्रदेश की राजनीति में वापस लौटने के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा, ‘जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मुझे दिल्ली भेजा गया था तो मेरी दिलचस्पी नहीं थी. अब मुझे दिल्ली भाने लगी है. मैं वापस नहीं आना चाहता हूं.’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 48 महीने के कार्यकाल के दौरान ‘नेहरू-गांधी परिवार के 48 साल के कार्यकाल’ की तुलना में काफी काम हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हम नहीं कहते कि हमने सारे वादे पूरे कर दिये. लेकिन, काम प्रगति पर है. कृषि क्षेत्र में काफी कुछ किये जाने की आवश्यकता है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटायी जानी है.’

भाजपा के 2014 के ‘अच्छे दिन’ के नारे और मौजूदा टैगलाइन ‘साफ नीयत सही विकास’ के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा, ‘कोई भी 100 फीसदी संतुष्ट नहीं होता. अच्छे दिन लोगों की धारणा पर निर्भर करता है.’ मतपत्रों से चुनाव कराये जाने की विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपीएटी मशीन में गड़बड़ी गंभीर बात है और चुनाव आयोग को इससे निपटना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस पंजाब में चुनाव जीतती है और कर्नाटक में सरकार बनाती है तो ईवीएम सही है और अगर हम जीतते हैं तो ईवीएम में समस्या है. यह अपरिपक्वता है.’ उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष निकाय है. ईवीएम की जगह मतपत्र से चुनाव कराये जाने के बारे फैसला चुनाव आयोग को करना है.’ अलग विदर्भ राज्य के भाजपा के वादे के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी छोटे राज्यों के पक्ष में है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें