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FIFA World Cup: मैसी-रोनाल्डो विश्व कप में नहीं दिखा सके हैं कमाल

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-क्लब चैंपियन की विश्व कप में अग्निपरीक्षा -सत्र 2017-18 में सबसे बड़े गोलदाता हैं मैसी. दाग चुके हैं 53 गोल ला लीगा चैंपियनशिप में मैसी ने शानदार प्रदर्शन किया और उनकी टीम चैंपियन बनी. 34 गोल दाग कर मैसी ने गोल्डेन बूट का अवॉर्ड जीता. रोनाल्डो की टीम रियाल मैड्रिड ने भी चैंपियंस लीग फुटबॉल […]

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-क्लब चैंपियन की विश्व कप में अग्निपरीक्षा

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-सत्र 2017-18 में सबसे बड़े गोलदाता हैं मैसी. दाग चुके हैं 53 गोल

ला लीगा चैंपियनशिप में मैसी ने शानदार प्रदर्शन किया और उनकी टीम चैंपियन बनी. 34 गोल दाग कर मैसी ने गोल्डेन बूट का अवॉर्ड जीता. रोनाल्डो की टीम रियाल मैड्रिड ने भी चैंपियंस लीग फुटबॉल जीती. रोनाल्डो ने 26 गोल दागे. क्लब फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन करनेवाले ये दिग्गज खिलाड़ी विश्वकप में अब तक अपनी टीमों को खिताब नहीं दिला सके हैं. मैसी के पास 2014 में चैंपियन बनने का मौका था, लेकिन अर्जेंटीना की टीम जर्मनी से बुरी तरह से हारी थी. मैसी गोल करने के लिए तसरते दिखे. यूरो कप खिताब दिलानेवाले रोनाल्डो भी विश्व कप में छाप छोड़ नहीं सके हैं. ब्राजील के स्टार फुटबॉलर नेमार ने भी अपने क्लब पेरिस सेंट जर्मेन की ओर से शानदार प्रदर्शन किया है. क्लब फुटबॉल चैंपियन खिलाड़ियों पर इस बार भारी दबाव होगा, क्योंकि अब तक विश्व कप में छाप छोड़ने में असफल रहे हैं.

मैसी :
तीन बार विश्व कप खेल चुके हैं. मैसी का यह उनका चौथा विश्व कप होगा. 2006, 2010, 2014 के विश्व कप में शिरकत की. उन्होंने 15 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उनकी टीम ने 11 मैच जीते, जबकि दो हारे और दो ड्रॉ रहे. वह सिर्फ पांच गोल कर पाये, लेकिन उन्हें कोई येलो और रेड कार्ड नहीं दिया गया.

रोनाल्डो :
रोनाल्डो ने 2006, 2010 और 2014 में तीन विश्व कप में शिरकत की, लेकिन वह सिर्फ तीन गोल ही कर सके. इस दौरान उनकी टीम पुर्तगाल 13 मैचों में पांच जीत, चार हार और चार मुकाबले ड्रॉ करा पायी. रोनाल्डो को दो येलो कार्ड जरूर दिखाये गये, लेकिन उन्हें एक भी रेड कार्ड नहीं दिया गया. अब वह चौथा विश्व कप खेल कर अपनी टीम की उम्मीदों को पूरा करने के इरादे से उतरेंगे.

नेमार के लिए चुनौती

ब्राजील के स्टार नेमार अभी तक सिर्फ एक बार ही 2014 में इस टूर्नामेंट में खेल पाये हैं, लेकिन पांच मैचों में टीम ने तीन मुकाबले जीते, जबकि दो ड्रॉ खेलने में सफल रही. इस दौरान नेमार ने चार गोल दागे, जबकि उनके खिलाफ सिर्फ एक येलो कार्ड दिखाया गया. अब इस विश्व कप में नेमार दूसरी टीमों का सिरदर्द बढ़ा सकते हैं, लेकिन चोट के बाद वापसी करना उनके लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा. पुर्तगाल के आंद्रे गोम्स पहली बार यह टूर्नामेंट खेलेंगे और अपने देश के लिए पहला गोल करने की कोशिश करेंगे. स्पेन के नाचो अपने पहले विश्व कप में पहला गोल दागने की कोशिश करेंगे.

सर्जियो एगुएरो
सर्जियो एगुएरो अपने शानदार खेल के लिए दुनिया भर में जाने जाते है. सर्जियो एक अर्जेंटीना पेशेवर फुटबॉलर हैं, जो प्रीमियर लीग क्लब मैनचेस्टर सिटी और अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम के लिए स्ट्राइकर के रूप में खेलते हैं. अपने घुटने की चोट से उबर रहे सर्जियो एगुएरो ने अर्जेटीना फुटबॉल टीम के साथी खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण शुरू कर दिया है.

टीमो वर्नर

टिमो वर्नर एक जर्मन पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी है, जो आरबी लीपजिग क्लब और जर्मनी की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते है. वो 17 साल की उम्र से लगातार फुटबॉल खेल रहे हैं. बता दें 2014 का वर्ल्ड कप जर्मनी ने जीता था और इसबार भी जर्मनी विश्व कप का दावेदार माना जा रहा है, ऐसे में टीमो वर्नर पर सबकी निगाहें टिकना लाजमी है.

36 वर्ष बाद पेरू की टीम कर रही है वापसी

पेरू की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के एक प्रशंसक डेविड चाउसा का इंतजार 36 साल बाद समाप्त हो रहा है, क्योंकि वह अपनी टीम को इस बार फीफा विश्व कप में अन्य टीमों से प्रतिस्पर्धा करते हुए देखेंगे. डेविड के लिए उनकी टीम को फीफा विश्व कप में खेलते देखने का इंतजार भले ही लंबा था, लेकिन उन्होंने कभी अपनी आशा नहीं छोड़ी. ‘द इजरालीट’ के नाम से पहचाने जानेवाले पेरू के सबसे बड़े प्रशंसक डेविड ने शायद ही टीम का कोई प्रशिक्षण सत्र छोड़ा होगा. वह स्टेडियम के पास के घर की छत से टीम के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण करते हुए देखते हैं. लंबे बाल, दाढ़ी मूछ और ट्यूनिक पहन कर डेविड यीसु मसीह की तरह ही लगते हैं. पेरू की टीम के कोच रिकॉर्डो गारेसा ने टीम के लिए इतनी शिद्दत देखते हुए डेविड को अधिकतर प्रशिक्षण सत्रों में शामिन होने की अनुमति दी है.

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