32.7 C
Ranchi
Tuesday, April 22, 2025 | 10:26 pm

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

Advertisement

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा प्रदान करने और इस राज्य के बारे में कानून बनाने के संसद के अधिकार को सीमित करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गयी है. दिल्ली प्रदेश भाजपा नेता और पेशे से वकील अश्चिनी कुमार उपाध्याय ने […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा प्रदान करने और इस राज्य के बारे में कानून बनाने के संसद के अधिकार को सीमित करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गयी है. दिल्ली प्रदेश भाजपा नेता और पेशे से वकील अश्चिनी कुमार उपाध्याय ने यह जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर संविधान सभा 26 जनवरी, 1957 को भंग होने के साथ ही संविधान बनाते वक्त ‘अस्थायी’ स्वरूप का विशेष प्रावधान और अनुच्छेद 370 (3) खत्म हो गया था.

इसे भी पढ़ें : अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-यह अस्थायी प्रावधान नहीं

उपाध्याय ने जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान को ‘मनमाना’ और ‘असंवैधानिक’ घोषित करने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है. याचिका में कहा गया है कि यह भारत के संविधान की सर्वोच्चता और ‘एक राष्ट्र, एक संविधान, एक राष्ट्रगान और एक राष्ट्रीय ध्वज’ के सिद्धांत के विपरीत है. अधिवक्ता आरडी उपाध्याय के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि अनुच्छेद 370 का अधिकतम जीवन संविधान सभा की मौजूदगी तक था, जो संविधान को अपनाने के साथ ही 26 जनवरी, 1950 तक था.

याचिका के अनुसार, यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को कोई भी कानून बनाने का अधिकार प्रदान करता है, जिसे संविधान के तहत दूसरे राज्यों के नागरिकों के साथ समता के अधिकार या दूसरे अधिकारों का उल्लंघन करने के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है. याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के संबंध में एक ‘अस्थायी प्रावधान’ है.

इसमें यह कहा गया है कि यह केंद्रीय तथा समवर्ती सूची के तहत आने वाले विषयों पर कानून बनाने के संसद के अधिकार में कटौती करके संविधान के विभिन्न प्रावधानों को लागू किये जाने को सीमित करता है. याचिका के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप यह राज्य को अपने निवासियों के लिए विशेष अधिकार और सुविधाएं प्रदान करता है.

[quiz_generator]

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels