18.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के कार्यक्रम में बदलाव नहीं करेगा वित्त मंत्रालय

Advertisement

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के अपने कार्यक्रम में संभवत: कोई बदलाव नहीं करेगा. रिजर्व बैंक के बासेल- तीन नियमों को लागू करने की समय सीमा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इससे बैंकों की पूंजी जरूरत में कमी आयी है. इसके बावजूद वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के अपने कार्यक्रम में संभवत: कोई बदलाव नहीं करेगा. रिजर्व बैंक के बासेल- तीन नियमों को लागू करने की समय सीमा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इससे बैंकों की पूंजी जरूरत में कमी आयी है.

- Advertisement -

इसके बावजूद वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने की योजना में कटौती नहीं करेगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार रिजर्व बैंक के फैसले के बाद नयी व्यवस्था के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजी मानकों को पूरा करने के लिए अब कम पूंजी की आवश्यकता होगी.

सरकार की तरफ से पूंजी की जरूरत घटकर 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है. सूत्रों का कहना है कि बैंकों को बासेल तीन नियमों का अनुपालन अब मार्च 2020 तक करना होगा जबकि पहले यह समय सीमा मार्च 2019 रखी गयी थी.

इस नियम के तहत बैंकों को 2.5 प्रतिशत ‘पूंजी सुरक्षा कोष’ (सीसीबी) की शर्त मार्च 2020 तक पूरी करनी होगी. फिलहाल सीसीबी 1.875 प्रतिशत है. पूंजी डाले जाने से बैंकों की वित्तीय सेहत मजबूत होगी. कुछ बैंकों को जहां जरूरी नियामकीय पूंजी मिलेगी वहीं अन्य को वृद्धि को गति देने के लिए पूंजी मिलेगी.

हालांकि, निदेशक मंडल ने पूंजी पर्याप्तता अनुपात 9 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया, जो बासेल तीन नियमों के तहत 8 प्रतिशत है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार बासेल-तीन के तहत सीसीबी की अंतिम किस्त के क्रियान्वयन की समयसीमा बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर बोझ 35,000 करोड़ रुपये कम होगा.

सूत्रों के अनुसार सामान्य रूप से बैंक पूंजी का 10 गुना तक कर्ज देते हैं, ऐसे में उनकी कर्ज देने की क्षमता 3.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ जाएगी. मंत्रालय बैंकों की जरूरतों का आकलन करने के बाद इस माह के अंत या अगले महीने के पहले पखवाड़े में करीब 54,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने को अंतिम रूप दे सकता है. मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों को 11,336 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें