27.1 C
Ranchi
Tuesday, February 25, 2025 | 02:29 pm
27.1 C
Ranchi
Please configure the plugin settings with your API key and channel ID.

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

70% लोग नियमित रूप से सुनते हैं पीएम मोदी के ‘मन की बात’

Advertisement

नयी दिल्ली : कार्यक्रम मन की बात के 50वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों का कहना है कि अक्सर लोग आपको लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया और मोबाइल एप के साथ जोड़ते हैं, लेकिन आपने लोगों के साथ जुड़ने के लिये रेडियो को क्यों चुना […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : कार्यक्रम मन की बात के 50वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों का कहना है कि अक्सर लोग आपको लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया और मोबाइल एप के साथ जोड़ते हैं, लेकिन आपने लोगों के साथ जुड़ने के लिये रेडियो को क्यों चुना ? आपकी ये जिज्ञासा बहुत स्वाभाविक है कि आज के युग में, जबकि करीब रेडियो भुला दिया गया था उस समय मोदी रेडियो लेकर के क्यों आया?

कम्यूनिकेसन की पहुंच और उसकी गहराई, शायद रेडियो की बराबरी कोई नहीं कर सकता ये उस समय से मेरे मन में भरा पड़ा है और उसकी ताकत का मैं अंदाज करता था. जब मैं प्रधानमंत्री बना तो सबसे ताकतवर माध्यम की तरफ़ मेरा ध्यान जाना बहुत स्वाभाविक था. उन्होंने कहा कि हाल ही में आकाशवाणी ने ‘मन की बात’ पर सर्वे भी कराया. जिन लोगों के बीच सर्वे किया गया है, उनमें से औसतन 70% नियमित रूप से ‘मन की बात’ सुनने वाले लोग हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि अधिकतर लोगों को लगता है कि ‘मन की बात’ का सबसे बड़ा योगदान ये है कि इसने समाज में सकारात्मकता की भावना बढ़ायी है. इंडिया पोजिटिव को लेकर व्यापक चर्चा भी हुई है. ये हमारे देशवासियों के मन में बसी सकारात्मकता की भावना की, सकारात्मकता की भावना की भी झलक है. उन्होंने कहा कि लोगों ने अपना ये अनुभव भी शेयर किया है कि ‘मन की बात’ से स्वयंसेवी यानी स्वेच्छा से कुछ करने की भावना बढ़ी है.

देश के लोगों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे यह देखकर के खुशी हुई कि ‘मन की बात’ के कारण रेडियो, और अधिक लोकप्रिय हो रहा है. लोग टी.वी., एफ़.एम. रेडियो, मोबाइल, इन्टरनेट, फ़ेसबुक लाइव, और पेरिस्कोप के साथ-साथ नरेंद्र मोदी एप के माध्यम से भी ‘मन की बात’ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं. मैं ‘मन की बात’ परिवार के आप सभी सदस्यों को इस पर विश्वास जताने और इसका हिस्सा बनने के लिये अंतःकरणपूर्वक धन्यवाद देता हूं.

‘मन की बात’ है अराजनैतिक
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ युवा मित्रों ने ‘मन की बात’ में आए सब विषयों पर एक स्टडी की. उन्होंने सारे एपिसोड का व्याख्यात्मक विश्लेषण किया और उन्होंने अध्ययन किया कि कौन से शब्द कितनी बार बोले गये ? कौन से शब्द हैं जो बार-बार बोले गए ? उनकी एक खोज यही है कि यह कार्यक्रम अराजनैतिक रहा. उन्होंने कहा कि जब ‘मन की बात’ शुरू किया था तभी मैंने तय किया था कि न इसमें राजनैतिक हो, न इसमें सरकार की वाह-वाही हो, न इसमें कहीं मोदी हो और मेरे इस संकल्प को निभाने के लिये सबसे बड़ा संबल, सबसे बड़ी प्रेरणा मिली आप सबसे.

मोदी आएगा और चला जाएगा लेकिन…

प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन यह देश अटल रहेगा, हमारी संस्कृति अमर रहेगी. 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी यह कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी. इस देश को नयी प्रेरणा में उत्साह से नयी ऊंचाइयों पर लेती जाती रहेंगी. कब किसी सरकार की इतनी ताक़त होगी कि सेल्फी विद डॉटर की मुहिम हरियाणा के एक छोटे से गांव से शुरू होकर पूरे देश में ही नहीं, विदेशों में भी फैल जाए. उन्होंने कहा कि समाज का हर वर्ग, मशहूर हस्तियां सब जुड़ जाएं और समाज में सोच-परिवर्तन की एक नयी आधुनिक भाषा में, जिसे आज की पीढ़ी समझती हो ऐसी अलख जगा जाये.

‘मन की बात’ का उड़ता है मजाक
पीएम मोदी ने कहा कि कभी-कभी ‘मन की बात’ का मजाक भी उड़ता है लेकिन मेरे मन में हमेशा ही 130 करोड़ देशवासी बसे रहते हैं. उनका मन मेरा मन है. ‘मन की बात’ सरकारी बात नहीं है – यह समाज की बात है. मन की बात’ एक महत्वाकांक्षी भारत की बात है. भारत का मूल-प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है. भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज-शक्ति है. समाज जीवन के हजारों पहलू होते हैं उनमें से एक पहलू राजनीति भी है. राजनीति सबकुछ हो जाए, यह स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छी व्यवस्था नहीं है. भारत जैसे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए जन-सामान्य की प्रतिभाएँ पुरुषार्थ को उचित स्थान मिले, यह हम सबका एक सामूहिक दायित्व है और ‘मन की बात’ इस दिशा में एक नम्र और छोटा सा प्रयास है.

50 एपिसोड की सबसे बड़ी सिद्धि…

पीएम मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं ‘मन की बात’ के 50 एपिसोड की सबसे बड़ी सिद्धि यही है कि आप प्रधानमंत्री से नहीं, जैसे अपने एक निकट साथी से सवाल पूछ रहे हैं. बस, यही तो लोकतंत्र है. वास्तव में ‘मन की बात’ मेरे लिए बहुत ही आसान काम है. सच पूछो तो “मन की बात” में आवाज़ मेरी है, लेकिन उदाहरण, भावनाएं और भाव मेरे देशवासियों के ही हैं. मैं ‘मन की बात’ में योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी की बातें पहले से कई गुना ज़्यादा मुझे मिलेंगी और ‘मन की बात’ को, और रोचक और प्रभावी और उपयोगी बनाएगी. उन्होंने कहा कि मैं आकाशवाणी, एफ़.एम. रेडियो, दूरदर्शन, अन्य टीवी चैनल्स, सोशल मीडिया के मेरे साथियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं. आकाशवाणी की टीम हर एपिसोड को बहुत सारी भाषाओं में प्रसारण के लिए तैयार करती है. कुछ लोग बखूबी क्षेत्रीय भाषाओं में मोदी से मिलती-जुलती आवाज़ में और उसी लहज़े से ‘मन की बात’ सुनाते हैं. इस तरह से वे उस 30 मिनट के लिए नरेंद्र मोदी ही बन जाते हैं.

मीडिया का हृदय से अभिनन्दन

पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता, सड़क सुरक्षा, ड्रग फ्री इंडिया, सेल्फी विद डॉटर जैसे कई विषय हैं जिन्हें मीडिया ने नये तरीके से एक अभियान का रूप देकर आगे बढ़ाने का काम किया. टीवी चैनल्स ने इसको चर्चित रेडियो कार्यक्रम बना दिया. मैं मीडिया का हृदय से अभिनन्दन करता हूं आपके सहयोग के बिना ‘मन की बात’ की यह यात्रा अधूरी ही रहती. उन्होंने कहा कि कभी-कभी हमारे पूर्वाग्रह ही संवाद के लिए सबसे बड़ा संकट बन जाते हैं. स्वीकार-अस्वीकार और प्रतिक्रियाओं की बजाय किसी की बात को समझना मेरी प्राथमिकता रहती है. आज के युवाओं की यही खूबी है कि वो ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिस पर स्वयं उन्हें विश्वास नहीं हो और जब वो किसी चीज़ पर विश्वास करते हैं तो फिर उसके लिए सब कुछ छोड़-छाड़ कर उसके पीछे लग जाते हैं.

‘मन की बात’ और युवा

पीएम मोदी ने कहा कि अधिकतर परिवारों में किशोरों से बातचीत का दायरा बड़ा सीमित होता है. अधिकतर समय पढ़ाई की बातें या फिर आदतों और फिर जीवन शैली को लेकर ‘ऐसा कर – ऐसा मत कर’ बिना किसी अपेक्षा के खुले मन से बातें, धीरे-धीरे परिवार में भी बहुत कम होती जा रही है और यह भी चिंता का विषय है. अलग-अलग कार्यक्रमों या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं के साथ लगातार बातचीत करने का मेरा प्रयास रहता है. ‘मन की बात’ के माध्यम से मैं युवाओं के प्रयासों को, उनकी बातों को, ज्यादा से ज्यादा साझा करने का प्रयास करता हूं. मेरा मानना है कि युवाओं के पास बर्बाद करने के लिए समय नहीं है. यही वो चीज़ है जो आज के नौजवानों को अधिक अभिनव बनने में मदद करती है, क्योंकि, वे चीज़ों को तेज़ी से करना चाहते हैं. हमें लगता है आज के युवा बहुत महत्वाकांक्षी हैं और बहुत बड़ी-बड़ी चीज़ें सोचते हैं. अच्छा है, बड़े सपने देखें और बड़ी सफलताओं को हासिल करें – आखिर, यही तो न्यू इंडिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कहता हूं- युवा मल्टीटास्किंग में पारंगत हैं. अगर हम आस-पास नज़र दौड़ायें तो वो चाहे Social Entrepreneurship हो, Start-Ups हो, Sports हो या फिर अन्य क्षेत्र – समाज में बड़ा बदलाव लाने वाले युवा ही हैं. अगर हम युवाओं के विचारों को धरातल पर उतार दें और उन्हें अभिव्यक्त करने के लिए खुला वातावरण दें तो वे देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.

‘संविधान दिवस’ का उल्लेख

उन्होंने कहा कि कल ‘संविधान दिवस’ है. उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया. 26 नवम्बर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था. संविधान draft करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे. कल्पना कीजिये 3 वर्ष के भीतर ही इन महान विभूतियों ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया। इन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी time management और productivity का एक उदाहरण है. संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी, उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्त हों, ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति भी समर्थ बने. हमारे संविधान में खास बात यही है कि अधिकार और कर्तव्य यानी Rights and Duties, इसके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है. नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा. अगर हम दूसरों के अधिकार का सम्मान करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी. अगर हम संविधान में दिए अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो भी हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी. पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2020 में एक गणतंत्र के रूप में हम 70 साल पूरे करेंगे और 2022 में हमारी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे हो जायेंगे. आइये, हम सभी अपने संविधान के मूल्यों को आगे बढ़ाएं और अपने देश में Peace, Progression, Prosperity यानी शांति, उन्नति और समृद्धि को सुनिश्चित करें. संविधान सभा के बारे में बात करते हुए उस महापुरुष का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता जो संविधान सभा के केंद्र में रहे. ये महापुरुष थे पूजनीय डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर. 6 दिसम्बर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है.

550वाँ प्रकाश-पर्व का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, दो दिन पहले 23 नवम्बर को हम सबने श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई है और अगले वर्ष यानी 2019 में हम उनका 550वाँ प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं. देश अगले वर्ष गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती समारोह को भव्य रूप से मनायेगा। इसका रंग देश ही नहीं, दुनिया-भर में बिखरेगा. भारत सरकार ने एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया है करतारपुर corridor बनाने का ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्तान में, करतारपुर में गुरु नानक देव जी के उस पवित्र स्थल पर दर्शन कर सकें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर