नयी दिल्ली : चुनाव आयोग की आेर से शुक्रवार को दिल्ली के मतदाताआें की संशोधित सूची जारी करने के बाद सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को इस सूची में वोटरों की संख्या घटने पर सवाल खड़े किये हैं. आप ने दावा किया है कि शुक्रवार को जारी की गयी चुनाव आयोग की संशोधित मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या घटने के बाद भाजपा की आेर से मतदाताओं के नाम कटवाने के उसके आरोप की पुष्टि हो गयी. आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने शनिवार को कहा कि आयोग द्वारा जारी संशोधित सूची में पिछले एक साल की तुलना में मतदाताओं की संख्या 1.22 लाख कम हो गयी है.
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उन्होंने कहा कि आप पिछले चार महीने से आयोग में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने की लगातार शिकायत कर रही है. आयोग की संशोधित सूची से हमारे इस आरोप की पुष्टि हो गयी है कि भाजपा ने एक साजिश के तहत दिल्ली के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कटवाये हैं. चडढ़ा ने कहा कि इस असंवैधानिक काम के लिए देश और दिल्ली की जनता से भाजपा को माफ़ी मांगना चाहिए. साथ ही, चुनाव आयोग भी स्पष्टीकरण दे कि जब दिल्ली में लगातार लोगों की संख्या बढ़ रही है, तो मतदाता सूची में लोगों की संख्या कैसे घट रही है.
उन्होंने दलील देते हुए कहा कि दिल्ली की आबादी में हर साल छह लाख का इजाफा होता है. इनमें से मतदाता बनने योग्य लोगों की संख्या चार लाख होती है. इसके मुताबिक, पिछले कई दशकों से मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जारी सूची में पिछले एक साल में मतदाताओं की संख्या कम होने की बात पहली बार देखी गयी है. चड्ढा ने कहा कि इस सूची के जारी होने के बाद हमारा स्पष्ट आरोप है कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर साजिश के तहत दिल्ली के मतदाता सूची से 30 लाख लोगों का नाम कटवाया है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम कटे हैं, उनमें अधिकांश पूर्वांचली और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं, जो आप के परंपरागत समर्थक माने जाते हैं. चड्ढा ने दिल्ली के मतदाताओं से अपील की है कि वे सतर्क रहें और संशोधित मतदाता सूची में अपने नाम मौजूद होने की बात का परीक्षण कर लें. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से काटे गये नामों को दोबारा जुड़वाने के लिए आप द्वारा अभियान चलाया जा रहा है.