26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 07:28 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बच्चे भी हो रहे हैं हाइ ब्लड प्रेशर के शिकार, मोटापा है इसका शुरुआती लक्षण

Advertisement

डॉ नंदिनी रस्तोगी फिजिशियन, डायबिटोलॉजिस्ट एंड इंटेंसिविस्ट, कानपुर हाल ही में नयी दिल्ली स्थित एम्स की ओर से की गयी एक स्टडी पर गौर करें, तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं. दिल्ली के 10,000 स्कूली बच्चों पर की गयी इस रिसर्च में 3 से 4 प्रतिशत बच्चे हाइपरटेंशन से पीड़ित पाये गये, जो कि […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

डॉ नंदिनी रस्तोगी
फिजिशियन, डायबिटोलॉजिस्ट एंड इंटेंसिविस्ट, कानपुर
हाल ही में नयी दिल्ली स्थित एम्स की ओर से की गयी एक स्टडी पर गौर करें, तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं. दिल्ली के 10,000 स्कूली बच्चों पर की गयी इस रिसर्च में 3 से 4 प्रतिशत बच्चे हाइपरटेंशन से पीड़ित पाये गये, जो कि हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण बनता है.
ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इन पीड़ित बच्चों की उम्र मात्र पांच साल बतायी गयी है. एम्स की यह रिसर्च निम्न व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों पर की गयी. इसके मद्देनजर उच्च वर्गीय परिवार के बच्चों की स्थिति तो और भी चिंताजनक हो सकती है, जो बदलती जीवनशैली के तहत अपना ज्यादा समय मोबाइल गेम्स पर बिताते हैं. किसी भी पीड़ित बच्चे के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अगर बचपन से ही ज्यादा है, तो बहुत कम उम्र में ही उसे हाइ ब्लड प्रेशर या दिल की अन्य बीमारियों सहित हार्ट अटैक का खतरा घेर लेता है.
मोटापा है इसका शुरुआती लक्षण
कानपुर स्थित हैलेट एलएलआर अस्प‍ताल के फिजिशियन डॉ मनीष वर्मा बताते हैं कि कम उम्र में ओवर वेट की समस्या आगे चल कर और खतरनाक होती जा रही है.
वजन ज्यादा होने से घुटने कमजोर होने, हाइ ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज होना आम बात है. यहां ऐसे 3500 मरीज रोजाना हैलेट ओपीडी आते हैं. इनमें 32 प्रतिशत मरीज युवा होते हैं, वहीं 10 प्रतिशत बच्चे भी होते हैं. इनमें 35 प्रतिशत बच्चों में मोटापा और बीपी के शुरुआती लक्षण पाये गये.
समय-समय पर करवाएं स्क्रीनिंग
बच्चों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल के कम या ज्यादा होने का पता खून की जांच से संभव हो पाता है.इसके साथ यह भी जरूरी है कि अगर परिवार में पहले से कोई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित है या फिर किसी की हृदय रोग से मृत्यु हुई हो, तो भी समय-समय पर बच्चों की स्क्रीनिंग जरूर करा लें. अगर उम्र के हिसाब से वजन की बात करें तो 2 से 8 साल की उम्र तक के उन बच्चों की भी स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है, जिनका वजन ज्यादा है.
इसके अलावा उनका बॉडी मास इंडेक्स 25 प्रतिशत से ज्यादा है. ऐसे में बेहतर होगा कि बच्चे की पहली स्क्रीनिंग 2 से 8 वर्ष की उम्र के बीच ही करवा लें. अब अगर इस स्क्रीनिंग में फास्टिंग लिपिड प्रोफाइल सामान्य आता है, तो 3 से 5 साल बाद फिर से उसकी स्क्रीनिंग वक्त रहते जरूर करवा लें.
हाइ बीपी की केस हिस्ट्री
आठ वर्षीय नवल मिश्रा दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ता है. इस उम्र में उसका वजन करीब 45 किलोग्राम तक पहुंच चुका है. पिछले दिनों स्कूल के यूनिट टेस्ट के दौरान उसे क्लास में ही अचानक चक्कर आ गया.
होश में आते-आते नवल को दो बार उलटी भी हुई और अचानक से सिर भारी हो गया. क्लास टीचर और पैरेंट्स ने भी पढ़ाई का प्रेशर समझा और डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे. शंका होने पर डॉक्टर ने जब चेकअप किया, तो परिणाम ने पैरेंट्स के साथ डॉक्टर और टीचर्स को भी हैरानी में डाल दिया. उसका बीपी सिस्टोलिक 130 से 140 और डायस्टोलिक 80 से 90 के बीच आया. तब डॉक्टर ने नवल के पैरेंट्स को उसके खान-पान, जीवनशैली और दवाओं को लेकर काफी एहतियात बरतने की सलाह दी.
ऐसा हो ब्लड प्रेशर तो समझिए हुई गड़बड़
सबसे आदर्श ब्लड प्रेशर (नॉर्मल ब्लड प्रेशर) को 120/80 माना जाता है. इसमें पहली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है. यह हृदय के धड़कने (सिस्टोल) के समय के ब्लड प्रेशर को दिखाता है. दूसरी संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं.
यह हृदय के तनाव-मुक्त रहने के समय के ब्लड प्रेशर की सूचना देता है. ब्लड प्रेशर को पारे के स्तंभ में मिलीमीटर में मापा जाता है. ब्लड प्रेशर के 140/90 से ज्यादा होने पर उसे हाइपरटेंशन (Hypertension) की अवस्था मानते हैं. इसे ही हम ब्लड प्रेशर कहते हैं. ऐसा होते ही आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
क्यों बढ़ रही है यह समस्या
परिवार में अगर हाइ कोलेस्ट्रॉल या दिल की बीमारियां आनुवंशिक रूप से हो तो परिवार के बच्चों को भी इसका खतरा हो जाता है. ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल की समस्या मां-बाप से बच्चों में आ जाती है.
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक बड़ा कारण आजकल की जीवनशैली और खान-पान भी बन चुका है.
छोटी उम्र से ही आजकल के बच्चों को बहुत अधिक वसायुक्त भोजन और फास्ट फूड आदि खाना प्रिय होता है. ऐसे में इस तरह के खाद्य पदार्थों और खान-पान की अनियमितताओं से धमनियों (आर्टरी) में प्लाक जम जाता है.
मोटापे के कारण भी कई बार धमनियों में रक्त के प्रवाह में परेशानी आती है. इस वजह से भी समस्या हो सकती है.
जरूरी सावधानी भी बरतें
बच्चों को जंक व फास्ट फूड के सेवन से दूर रखना होगा.
जितना हो बच्चों के आहार में फल, सब्जियों, नट्स और दूध-दही को शामिल करना होगा.
बादाम को बच्चों के विकास के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिंस की अच्छी खासी मात्रा होती है. इस वजह ये बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक होते हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें