21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:32 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भारत अब बर्दाश्त नहीं करेगा

Advertisement

मे. ज. जीडी बख्शी सेवानिवृत्त सेना अधिकारी delhi@prabhatkhabar.in पिछले तीस साल से पाकिस्तान ने हमारे खिलाफ जंग छेड़ रखी है. इसमें अस्सी हजार के करीब भारतीय नागरिकों और सैनिकों ने अपनी जान गंवायी है. उसकी हर कायरतापूर्ण गतिविधियों पर हमें जवाबी कार्रवाई नहीं करने दी गयी और हमें बरगलाया गया कि पाकिस्तान के पास परमाणु […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मे. ज. जीडी बख्शी
सेवानिवृत्त सेना अधिकारी
delhi@prabhatkhabar.in
पिछले तीस साल से पाकिस्तान ने हमारे खिलाफ जंग छेड़ रखी है. इसमें अस्सी हजार के करीब भारतीय नागरिकों और सैनिकों ने अपनी जान गंवायी है.
उसकी हर कायरतापूर्ण गतिविधियों पर हमें जवाबी कार्रवाई नहीं करने दी गयी और हमें बरगलाया गया कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं और अगर हमने उसके खिलाफ कार्रवाई की तो वह हम पर बम छोड़ देगा. यह सब अमेरिकी दबाव के कारण होता रहा है और हम पाकिस्तान की दहशतगर्दी को तीन दशक से झेलते रहे हैं. उस वक्त अमेरिका का बहुत चहेता देश पाकिस्तान ही था और तब वह अफगानिस्तान में पाकिस्तान से मदद चाहता था.
और हमारी सरकारें अमेरिकी आदेशों पर चलती रहीं. हमारे विदेश मंत्रालय और शांति का राग अलापनेवालों ने यह फैसला कर लिया था कि भारत को बरबाद हो जाने देंगे, लेकिन जंग नहीं होने देंगे. हम तो अहिंसावादी हैं, गांधीवादी हैं. लेकिन, अब भारत के लोग कुर्बानियां दे-देकर तंग आ चुके हैं. अब हमें गांधीवाद महंगा पड़ रहा है. अब हम उनके गांधीवाद के लिए और जान नहीं देंगे, अब वक्त आ गया है कि भारत अपनी पूरी तैयारी के साथ पाकिस्तान को करारा से करारा जवाब दे. सब्र का बांध टूट चुका है.
अब हमारे देश में आगामी समय में कोई भी सरकार हो, जो वोट हासिल करके बनती है, उसे अब अपनी सख्त प्रतिक्रिया देनी होगी और पाकिस्तान की हर छोटी कार्रवाई का बड़े हमले से जवाब देना होगा.
हम अब डरनेवाले नहीं हैं. पिछले दिनों भारत ने एयर स्ट्राइक करके दिखा दिया है और वह दिन भारतीय सेना के लिए गर्व का दिन था, तो देश के लिए सिर ऊंचा करनेवाला दिन था. हमारा मिराज जहाज पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर गोले दागकर लौट आया और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया.
वह बहुत ही प्रोफेशनल एयर स्ट्राइक थी. हमने तो सिर्फ आतंकियों के ठिकाने पर हमला किया था, लेकिन पाकिस्तान ने उसका जवाब देकर पूरी दुनिया को बता दिया है कि जैशे-मुहम्मद उसकी सेना का हिस्सा है. पाकिस्तान ने हमारी सेना पर हमला किया है और हमारे जहाज को मार गिराया है. हालांकि, इसमें उसका भी एक जहाज मार गिराया गया है. पाकिस्तान ने यह साबित कर दिया है कि भारत अगर पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर हमला करेगा, तो वह भारतीय सेना पर हमला करेगा. इससे बड़ा युद्ध का ऐलान नहीं हो सकता, जो पाकिस्तान ने किया है.
हमने पुलवामा का बदला ले लिया है, लेकिन हम शांत नहीं बैठेंगे. हमें मालूम है कि पाकिस्तान नहीं मानेगा, वह फिर कोई न कोई हरकत करेगा.
इसलिए मैं कहता हूं कि दो-दो हाथ करके अब इस मसले का हल हो ही जाना चाहिए और यह निश्चित कर लेना चाहिए कि अब किसी भी हाल में हम हमले के लिए तैयार रहेंगे. लेकिन, पाकिस्तान के छद्मयुद्ध को अब बरदाश्त नहीं किया जायेगा. इसके लिए हमें सेना को फ्रीहैंड देना होगा और शांति का राग अलापनेवालों का सुर बिगाड़ देना होगा.
यह बहुत बड़ी विडंबना और दुख की बात है कि तीस साल तक हमने कुछ नहीं किया. इसलिए अब हमें इस मसले को हल करके ही दम लेना चाहिए. पाकिस्तान से बातचीत करने को कोई फायदा नहीं है. क्योंकि आज वह बातचीत को तैयार है, कुछ दिन बाद फिर वहां से कोई आतंकी हमला हो जायेगा और हमारे जवान मारे जायेंगे. पाकिस्तान यही तो करता आ रहा है सत्तर साल से.
पाकिस्तान ने हमारे एक पायलट को पकड़ लिया था. मैंने कहा था कि पाकिस्तान को उसे छोड़ना ही होगा. प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाक संसद में ऐलान किया कि वह हमारे पायलट को रिहा करेंगे. जाहिर है, यह तो होना ही था. यह हमारी बड़ी जीत है.
विदेश मंत्रालय की वजह से ही पिछले तीस साल से सेना के हाथ बंधे हुए हैं. सेना जब भी कोई एक्शन लेना चाहती है, तब विदेश मंत्रालय बातचीत करके मामले को शांत कर देता है और पाकिस्तान अपनी मनमानी करने में व्यस्त हो जाता है. सेना को अपना काम करने ही नहीं देते ये लोग.
आज हमारे रक्षा मंत्रालय का यह हाल है कि सेना की तरफ से कोई बयान भी नहीं दे सकते. जब देखो तब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ही सेना की तरफ से बोलने चले आते हैं. हमें सेना के अधिकार के साथ इस तरह से नहीं करना चाहिए. जबकि पाकिस्तान की सेना के अधिकारी और उसके विदेश मंत्रालय दोनों बयान दिये जा रहे हैं.
अब देश को यह फैसला करना पड़ेगा कि हमारा लक्ष्य क्या है. क्या हमें सिर्फ पुलवामा का बदला लेना है या बीते तीस वर्षों में जान गंवाये सारे लोगों का बदला लेना है? यह बदला किस पैमाने पर लिया जायेगा?
क्या हमारा एकमात्र लक्ष्य यह नहीं होना चाहिए कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के दौर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाये? क्या हमारा लक्ष्य यह नहीं होना चाहिए कि भारत-पाक के बीच चल रहे एक अघोषित युद्ध को एक निर्णायक लड़ाई लड़कर खत्म कर दिया जाये? इन सब सवालों के जवाब हैं हमारे पास, लेकिन ये सिर्फ टोकनिज्म से हल नहीं होंगे, बल्कि निर्णायक युद्ध के फैसले से हल होंगे. नहीं तो फिर वही होगा कि एक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पुलवामा होगा, तो दूसरे सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कोई और हमला.
भारत को उतना जोर लगाना पड़ेगा, जितने से पाकिस्तान को यह समझ आ जाये कि यह रास्ता बहुत खतरे और जोखिम से भरा है और उसे छद्मयुद्ध को अब त्याग देना चाहिए. यह काम बातों से नहीं होगा, क्योंकि लातों का भूत पाकिस्तान बातों से नहीं मान सकता. पाकिस्तान को अगर युद्ध का इतना ही शौक है, तो मैं आज यह बयान देता हूं कि दो-दो हाथ के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी और सोवियत संघ की तरह पाकिस्तान भी इतिहास के कमोड में फ्लश हो जायेगा, वह बरबाद हो जायेगा.
आज कटोरा लेकर पाकिस्तान दुनियाभर से भीख मांग रहा है, उसकी इतनी औकात नहीं होनी चाहिए कि वह भारत पर हमले करे. पाकिस्तान ने यह बिल्कुल ही उपयुक्त समय चुना है भारत को छेड़ने का. वह सिर पर चढ़ गया है और अब उसे उतारने का समय आ गया है.
बीते तीस साल से भारत की यह गलती रही है कि पाकिस्तान जैसे दो टके के देश को हमने सिर पर चढ़ा रखा है. लेकिन, अब पानी सिर से ऊपर जा रहा है. अब देश के नेतृत्व को डीमोनेटाइजेशन जैसी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने की जरूरत है, ताकि पाकिस्तान आतंकवाद को बंद करने पर मजबूर हो जाये. उसके बाद फिर चाहे दुनिया चें-चें करे तो करे, हमें कोई परवाह नहीं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें